Different Triggers for Migraine : लोगों में माइग्रेन कॉमन होने के बावजूद इसके ट्रिगर अलग- अलग हो सकते हैं। जो चीज या आदत एक व्यक्ति में माइग्रेन को ट्रिगर करता, जरूरी नहीं वह किसी दूसरे के लिए भी सही हो। इसलिए माइग्रेन का उपचार करने से पहले यह समझना जरूरी है की उसका ट्रिगर क्या है।
Emotional, Psycological Problems : किसी भी बीमारी के लिए इमोशनल स्ट्रेस एक बहुत अहम ट्रिगर हो सकता है। मिग्रने होने के कई इमोशनल कारण जैसे टेंशन, स्ट्रेस , एंग्जायटी और डिप्रेशन हो सकते हैं। जो लोग हर दम या किसी भी छोटी-बड़ी वजह से टेंशन में रहते हैं वे आसान से माइग्रेन की चपेट में आ सकते हैं।
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Tight Muscle : अगर घर या ऑफिस में काम करते वक्त बॉडी पोस्चर सही ना हो या फिर प्रेशर के कारण मसल में तनाव हो तो ऐसे में माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। ब्रेन फैक्ट्स आर्गेनाईजेशन में पब्लिश हुए एक आर्टिकल के अनुसार टाइट मसल सिरदर्द के कारणों में से एक है। ऐसा कहां जाता है की टाइट मसल से सिरदर्द हो सकता है और सिरदर्द की वजह से टाइट मसल हो सकते हैं। जिन लोगों को लम्बे समय तक हेडेक होता है और वे अपनी गर्दन, कंधों, ऊपरी पीठ और जबड़े की मांसपेशियों में जकड़न महसूस करते हैं, उनमें माइग्रेन ट्रिगर होने की सम्भावना अधिक होती है।
Food Habits : अनियमित समय पर खाना खाना, या खाना बिलकुल नहीं खाना कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण बन सकता है। समय पर ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर खाएं। जहाँ तक हो सके कोई भी मील स्किप ना करें। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, यानी पानी की कमी, से भी माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। समय पर खाना खाना और पानी पीना, खासकर गर्मियों में, माइग्रेन से बचे रहने का एक असरदार तरीका है।
Sensory Overload : कुछ कॉमन कारणों में तेज रोशनी, तेज आवाज, तेज स्मेल, और बदलता मौसम या टेम्परेचर जैसे तेज ठण्ड या तेज़ धूप / गर्मी कुछ व्यक्तियों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
Lack of sleep : स्लीप फाउंडेशन द्वारा पब्लिश्ड एक रिसर्च में नींद और माइग्रेन का गहरा सम्बन्ध बताया गया है। रिसर्च से पता चलता है की नींद की कमी से हुई प्रोब्लेम्स में टेंशन हेडेक, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन शामिल हैं। इसमें बताया गया है की जिन लोगों को माइग्रेन आमतौर पर सुबह उठने पर होता है वे लोग अक्सर नींद की कमी से पीड़ित होते हैं। ऐसे में नींद की कमी माइग्रेन का कारण बन सकती है। अगर लगातार हेडेक होता है तो अपनी नींद के पैटर्न को नोट करें।