वायु प्रदूषण से बचने के लिए लोग पहन रहे मास्क
नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने इसको लेकर कहा है कि लोग मास्क पहनकर घरों से बाहर निकल रहे हैं। मगर इससे कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।मास्क पहनने से हो रही हैं इस तरह की दिक्कतें
डॉ. पाठक के अनुसार, अधिक देर तक मास्क के उपयोग से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर मास्क बहुत टाइट हो, तो यह सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। सांस से संबंधित समस्याएं या हृदय रोग से ग्रसित लोगों को सावधानी के साथ मास्क पहनने की जरूरत है। इसके अलावा, अगर मास्क ज्यादा ढीला है, तो वह हवा को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता।‘मास्कने’ की समस्या से भी लोग हो रहे परेशान
डॉ. पाठक ने बताया कि अगर आप लंबे समय तक मास्क को पहने रहते हैं तो मास्क के स्ट्रैप के कारण चेहरे पर प्रेशर मार्क्स बन सकते हैं और कानों में इरिटेशन हो सकता है। इसके साथ ही मास्क के लगातार उपयोग से चेहरे पर पसीने और गर्मी की वजह से रैशेज हो सकते हैं, जिसे ‘मास्कने’ कहा जाता है। ये भी पढ़िए- Eye Care Tips: कहीं प्रदूषण में आंखें ना हो जाएं खराब, आंखों के बचाव के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक डॉक्टर के ये उपाय
प्रदूषण के सही मास्क का चयन करना जरूरी
डॉ. मीरा पाठक के अनुसार, अगर हम मास्क का उपयोग वायु प्रदूषण से सुरक्षा के लिए कर रहे हैं, तो हमें सही मास्क चुनना चाहिए। एन 95, एन 99 या केएन 99 मास्क जो फिल्टर के साथ होते हैं, वह प्रदूषण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी होते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सर्जिकल मास्क प्रदूषण से बचने के लिए बेकार साबित होते हैं, क्योंकि ये प्रदूषण के कणों को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं होते। ये भी पढ़िए- Exercise in Air Pollution: क्या प्रदूषण के दौरान सुबह-शाम दौड़ने या टहलने जाना चाहिए? जानिए डॉक्टर और वेलनेस कोच की सलाह