Stress and Gut Disease : हमारे इंटेस्टाइन (गट/आंत) में लाखों-करोड़ों न्यूरॉन्स होते हैं जो काफी स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं और साथ ही हमारे ब्रेन के साथ लगातार कम्यूनिकेट करते हैं। अधिक स्ट्रेस के कारण ब्रेन और इंटेसटाइन के इस कम्युनिकेशन में बाधा पड़ती है। इसके परिणाम स्वरूप ब्लोटिंग, दर्द, सूजन जैसी परेशानियां ट्रिगर हो सकती है। गट के नर्वेज और बैक्टीरिया दोनों ही ब्रेन को प्रभावित करते है, ठीक इसी तरह ब्रेन भी गट को प्रभावित करता है। स्ट्रेस हमारे गट बैक्टीरिया पर बुरा असर डालता है जिसके कारण हमारा मूड बिगड़ने लगता है। शुरुआत में स्ट्रेस हमारे नर्वस सिस्टम के डेवलपमेंट पर हावी होता है जिसके चलते हमारी बॉडी का रिएक्शन बदलने लगता है। बाद में यही बदलाव गट डिजीज का रिस्क बढ़ा देता है।
Stress and Heartburn: आमतौर पर जब हम परेशान या स्ट्रेस्ड होते हैं तब या तो बहुत अधिक या बहुत कम खाना खाते हैं। स्ट्रेस से बचने के लिए कई बार हम अलग-अलग फूड्स, शराब या तम्बाकू का सहारा लेने लगते हैं। इसका नतीजा यह होता है की हमें हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। अधिक स्ट्रेस और थकावट के चलते हार्टबर्न का दर्द बढ़ने लगता है और कई बार इस बढ़ते हुए दर्द को हार्ट अटैक समझने की गलतफेहमी हो जाती है। स्ट्रेस से होने वाली गट की परेशानियों में खाने को निगलने में कठिनाई या निगली जाने वाली हवा की मात्रा का बढ़ना दोनों शामिल हैं। इन सबसे डकार आना, गैस बनना और पेट फूलना जैसी तकलीफें बढ़ जाती हैं।
Stress Management: हेल्थ पर स्ट्रेस के इन हानिकारक प्रभाव से घबराने की आवश्यकता नहीं है। कई रिसर्च से इन परेशानियों का इलाज भी सामने आया है।
1.अपने सोशल सपोर्ट सिस्टम को मजबूत रखें। जरूरत पड़ने पर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स की सलाह लें, उनसे मदद मांगें।
2. हेल्दी खाना खाएं। अपने खाने में फ्रूट्स, वेजिटेबल्स, मिल्लेट्स, दाल शामिल करें। जहां तक हो सके फ़ास्ट फ़ूड, स्पाइसी फ़ूड और ड्रिंक्स से परहेज करें।
3. हेल्दी खाना खाएं। अपने खाने में फ्रूट्स, वेजटेबल्स, मिल्लेट्स, दाल शामिल करें। जहां तक हो सके फ़ास्ट फ़ूड, स्पाइसी फ़ूड और उनहेल्दी ड्रिंक्स से परहेज करें।
4. अपनी लाइफस्टाइल में फिजिकल एक्टिविटी, एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन शामिल करें। इससे स्ट्रेस से आराम मिलता है।
5. हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
6. स्ट्रेस बहुत अधिक होने पर मेडिकल हेल्प लें। एक लाइसेंस प्राप्त प्स्य्कोलॉजिस्ट आपको स्ट्रेस से होने वाली चुनौतियों से लड़ने में मदद कर सकता है।