बता दें कि एफडी कराने पर बैंक सीनियर सिटीजन को अधिक ब्याज देती हैं, ऐसे में अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग है तो आप उसके नाम पर एफडी करवा सकते हैं। इसके साथ ही एफडी करवाने से पहले उसकी अवधि के बारे में अच्छी तरह से विचार कर लें, कई बार हम जल्दबाजी में फैसला ले लेते हैं। इसके बाद एफडी की अवधि पूरी होने से पहले ही हम पैसे निकाल लेते हैं। ऐसी स्थिति में हमें कुछ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
इसके साथ ही अगर आप टैक्स सेविंग एफडी में पांच साल तक के लिए इन्वेस्टमेंट करेंगे, तब आपको आयकर में डिस्काउंट भी मिल सकता है। इसमें ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। बता दें कि अगर किसी वित्त वर्ष में एफडी पर कमाया गया इंट्रेस्ट 10 हजार रुपए से अधिक है, तब उस पर 10 फीसदी के हिसाब से टीडीएस कटता है।