वॉटर रिटेंशन के कई लक्षण हैं। वॉटर रिटेंशन होने पर अकसर शरीर भरी महसूस होता है और फिजिकल एक्टिविटी धीमी पड़ने लगती है। महसूस करा सकता है। कुछ अन्य लक्षणों में ब्लोटिंग, पैर, टखनों, चेहरे और पेट पर सूजन, जॉइंट्स का सख्त होना और बॉडी वेट में उतार-चढ़ाव।
Sodium intake: सोडियम हमारे शरीर में पानी बनाए रखने का कारण बन सकता है। इसलिए यदि खाने में ज़्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन किया जाए तो वॉटर रेटेंटशन हो सकता है।
Hormonal changes: हार्मोन में उतार-चढ़ाव विशेष रूप से पीरियड्स या मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान महिलाओं में वॉटर रिटेंशन की शिकायत हो सकती है।
Sedentary life: लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठे या खड़े रहना भी हानिकारक है। एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी का सीधा असर हेल्दी लिविंग से है। इसकी कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं। फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने से शरीर में फ्लुइड्स के सर्कुलेशन में बाधा हो सकती है जो वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है।
Medication: कुछ दवाएं, जैसे कि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), ब्लड प्रेशर की दवाएं और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, साइड इफेक्ट के रूप में वॉटर रिटेंशन का कारण हो सकती हैं।
यदि वॉटर रिटेंशन किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण नहीं हुआ है तो होम रेमेडीज से इसका घर पर ही इलाज और रोकथाम किया जा सकता है। हालांकि, यह घरेलू उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है और एक मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह की आवश्यकता हो सकती है।
Stay hydrated: हाइड्रेटेड रहने के कई फायदे हैं। ज्यादा पानी पीने से न केवल त्वचा को हेल्दी और हाइड्रेटेड दिखती है बल्कि पानी से बॉडी के वेस्ट टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा पानी पीने से डाइजेस्टिव हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है और हमारा शरीर अपने अंदर का एक्सेस पानी फ्लश कर देता है। इससे हमें लाइट महसूस होता है।
Reduce sodium: अपने खाने में सोडियम फूड्स को लिमिट करने से वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद मिल सकती है।
Foods to choose: केला, पालक, एवोकाडो जैसे फूड्स में पोटैशियम भरपूर होता है इनके सेवन से बॉडी में फ्लुइड्स के लेवल को बैलेंस किया जा सकता है जिससे वॉटर रिटेंशन कम होता है। साथ ही कुछ फूड्स और हर्ब्स जैसे ककड़ी, तरबूज, अदरक, और डंडेलियन-टी में नेचुरल गुण होते हैं जो वॉटर रिटेंशन को कम करने में सहायता हो सकते हैं।
Exercise and physical activity: अपनी बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करना जरूरी है। जितनी ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी होगी उतना ही वॉटर रिटेंशन का खतरा कम होगा।