कम्युनिकेशन का एक अहम् हिस्सा है सीमाएं। यह हमारी जरूरतों को बताने और समझाने का एक प्रयास होती है न की किसी को कंट्रोल करने की कोशिश। बॉउंड्री का मतलब है रिश्ते में बात आगे बढे, बिगड़े नहीं। साइकोथेरेपिस्ट एमिली एच. सैंडर्स ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर बॉउंड्रीज़ के बारे में बताते हुए कहा की रिश्तों में सीमाएं निर्धारित करते समय अपने आप से यह सवाल जरूर करें :
• क्या मैं अपनी आवश्यकताओं को स्पष्ट, सीधे तरीके से बता रहा/रही हूं?
• क्या मैं जानता / जानती हूँ की मुझे यह बाउंड्री क्यों चाहिए, इसकी क्या आवश्यकता है ?
• किस कारण से हमारे बीच यह बाउंड्री हो ?
• अगर सामने वाला निर्धारित की गयी सीमा का सम्मान करता है तो क्या मेरी समस्या का हल होगा ?
• क्या यह सीमा हमारे रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद करेगी?
शेफ गैरी मेहिगन के साथ जो मथुरा में हुआ वो आस्ट्रेलिया में होता तो नाराज होते लोग
Value your self worth : लोगों की नाराज़गी के बावजूद आपको अपनी सीमा बनाये रखनी होगी। किसी और को आपकी बॉउंड्रीज़ की इज्जत तब होगी जब आप खुद उसकी इज्जत करेंगे। सामने वाले को समझने और इसकी आदत डालने का समय दें। इस बात को समझें की लोगों को आपकी सेट की गयी सीमाओं के प्रति अपनी भावनात्मक प्रतिक्रिया देने का हक है।
इस सूरत में करें बॉउंड्रीज़ का उपयोग :
• जब किसी का व्यवहार आपके प्रति गलत हो / दिल दुःखाने वाला हो
• जब कोई आपकी भावनाओं की कदर/ रेस्पेट ना करें
• जब लोग आपसे डिसअग्रि करने की बजाये आपका डिसरेस्पेक्ट करें ।
• जब कोई आपके बिना कसूर ही बार बार आपको गलत ठहराते हैं।
• जब बेजवाह आपको अपनी सफाई देनी पड़े।
Always remember :
• हमारे सब से प्यार और नजदीकी रिश्ते वो हैं जहाँ हमारी जरूरतों और सीमाओं की इज्जत कीजाए।
• बाउंड्री सेट करना आसान नहीं है। इससे आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
• चिंता के बावजूद अपनी सीमाओं और जरूरतों का सम्मान करें।
• आपको किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं है। वैसे भी लोग वही समझते हैं जो उन्हें समझना है।
• आपकी दी गयी सफाई से नहीं आपकी बनाई गयी सीमाओं से लोगों को समझ आएगा ।
• आप सभी को खुश नहीं रख सकते। आपकी बॉउंड्री बताने से लोग नाराज़ होते हैं तो उन्हें खुश करना आपकी ड्यूटी नहीं है।
• जो लोग आपसे प्यार करते हैं वो आपकी भावनाओं को समझेंगे और आपकी सीमाओं को भी।
• लोगों को सुधारना आपकी जिम्मेवारी नहीं है। आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी आप खुद हैं।
• आप जैसे हो वैसे ही लोगों को आपको अपनाना पड़ेगा। किसी की ख़ुशी के लिए खुद को नहीं बदलें। तब बदलें जब आप चाहते हैं बदलना।
• बढ़ने का मतलब चिंता का सामना करना है जो आपकी सीमाओं को स्थापित करने और लागू करने के साथ आती है।
इन कारणों के लिए बॉउंड्रीज़ का उपयोग ना करें :
• किसी से बदला लेने के लिए या उन्हें पनिश करने के लिए
• किसी चुनौती से दूर भागने के लिए
• रिश्तों में आयी मुश्किलों से भागने के लिए
• अपनी जिद मनवाने के लिए या अपने ईगो सहलाने के लिए
• किसी को कण्ट्रोल करने के लिए