इस नए 5G टेस्टबैंड की शुरुआत के बाद उन कंपनियों को बड़ा फायदा होने वाला है, जो विदेशी कंपनियों पर 5G टेस्ट के लिए निर्भर हुआ करती थी। यानी कि, अब तक भारत में मौजूद कंपनियां अपनी 5G सेवाओं को टेस्ट करने के लिए विदेशी कंपनियों का सहारा लेते थी, लेकिन अब भारत में 5G टेस्टबैंड लॉन्च होने के बाद कंपनियों को भारत में ही टेस्टिंग की सुविधा होगी।
पीएम मोदी ने इस लॉन्च के दौरान कहा कि, नई 5G तकनीक देश को आत्मनिर्भर बनाने में काफी बड़ी भूमिका निभाएगी। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने शोधकर्ता, युवा प्लेयर्स और कंपनियों को 5G टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग के लिए भी आमंत्रित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 5G टेस्टबैंड के जरिये देश में मौजूदा तकनीकी संस्थान और कई कंपनियां 5G टेस्टिंग कर सकती हैं।
आपको बता दें कि नए 5G टेस्टबेड को IIT मद्रास की देखरेख में भारत के 8 बड़ी संस्थानों ने मिल कर बनाया है। इस बड़े प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT कानपुर, IIT हैदराबाद, IISc बैंग्लुरू, IIT बॉम्बे, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT), जैसे देश के प्रमुख संस्थानों ने योगदान दिया है। 5G केवल मनोरंजन ही नहीं, रोजगार और विकास की रफ्तार को बढ़ाने में भी सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि, 5G सेवाएं जल्द से जल्द शुरू होंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि आने वाले 15 सालों में 5जी से भारतीय अर्थव्यवस्था को 450 मिलियन डॉलर का फ़ायदा होने वाला है।
6G पर भी चल रहा हैं काम
प्रधानमंत्री मोदी ने 5G के टेस्टबैंड लॉन्च के दौरान 6जी सेवा से जुड़े मुद्दे पर भी बात की, उन्होंने कहा कि, हमने 6जी सेवाओं के लिए टास्क फोर्स तैयार किया है, जो इस पर निरंतर काम कर रहा है। आने वाले समय में वह दिन दूर नहीं जब यह सुविधा भी सभी को मिलेगी।