साइबर सिक्योरिटी कंपनी विज की एक शोध टीम ने पाया कि तकनीकी कमियों की वजह से साइबर क्रिमिनल्स उन कुंजियों तक पहुंचने में सक्षम हैं जो हजारों कंपनियों द्वारा रखे गए डेटाबेस तक पहुच को नियंत्रित करती हैं। बता दें कि Wiz के प्रमुख प्रौद्योगिकी अधिकारी अमी लुटवाक Microsoft के क्लाउड सुरक्षा समूह में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी रह चुके हैं।
कमियों को दूर करने के लिए की 40 हजार डॉलर की पेशकश साइबर सिक्योरिटी कंपनी विज ने दावा किया था कि माइक्रोसॉफ्ट उन चाबियों को स्वयं नहीं बदल सकता है। इसलिए उसने गुरुवार को ग्राहकों को ईमेल करके उन्हें नई कीज ( Keys ) बनाने के लिए कहा। इसके अलावा Microsoft की ओर से Wiz को भेजे गए एक ईमेल के मुताबिक कमियों का पता लगाने और उसकी रिपोर्ट करने के बदले माइक्रोसॉफ्ट ने Wiz को 40,000 डॉलर का भुगतान करने की पेशकश भी की।
Microsoft ने इस बात का किया दावा तकनीकी खामियों की पहचान होने और समाधान सामने आने के बाद अपने ग्राहकों को जारी ईमेल में Microsoft ने कहा कि तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है। अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं हैं कि इसका किसी ने फायदा उठाया होगा। हमारे पास इस बात का कोई संकेत नहीं है कि विज के रिसर्चर्स के बाहर की बाहरी संस्थाओं की प्राथमिक रीड-राइट कुंजी तक पहुंच थी या नहीं।
ज्यूपिटर नोटबुक टूल में थी कमियां रॉयटर्स को दी जानकारी में Wiz के प्रमुख प्रौद्योगिकी अधिकारी अमी लुटवाक ने बताया कि यह एक ऐसी बड़ी खराबी थी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यह एक लंबे समय तक चलने वाला रहस्य है। यह Azure का केंद्रीय डेटाबेस है और हम किसी भी ग्राहक डेटाबेस तक पहुंच प्राप्त करने में सक्षम थे। उन्होंने बताया कि कमियां ज्यूपिटर नोटबुक नामक एक विजुअलाइजेशन टूल में था। दरअसल, लुटवाक की टीम ने 9 अगस्त को ChaosDB नामक समस्या का पता लगाया और 12 अगस्त को इस बारे में माइक्रोसॉफ्ट को सूचित किया था।