केबीसी 12 सीजन के दौरान दिल्ली एनसीआर में ऐसी कई शिकायतें साइबर सेल पुलिस के पास पहुंची, जो ठगी का शिकार हुए हैं। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले लोग लक्की ड्रा, लॉटरी नंबर के नाम पर मैसेज भेजते हैं। कुछ लोग इनके जाल में फंस जाते हैं। वहीं कुछ लोग जो जागरूक होते हैं, ऐसे मैसेज को नजरअंदाज कर देते हैं।
बता दें कि केबीसी में जाने के लिए शुरुआत में एक सवाल का जवाब देना होता था। इसका जवाब एसएमएस, केबीसी मोबाइल एप, आईवीआरएस या एक चैनल के माध्यम से दिया जा सकता था। सही जवाब देने वालों में से लकी ड्रॉ से कुछ लोगों को चुना जाता है। लेकिन अगर आपने गेम में हिस्सा नहीं लिया है और आपके पास लक्की ड्रा केबीसी के नाम पर कोई रकम जीतने की कॉल आती है तो सावधान और सतर्क रहें क्योंकि ऐसी कॉल पूरी तरह से फर्जी होती है। चैनल भी इसके बारे में लोगों को आगाह करता रहता है।
दिल्ली की एक महिला इस तरह की ठगी का शिकार होने से बाल—बाल बच गई। एक रिपोर्ट के अनुसार महिला को एक मैसेज आया और उसे बताया गया कि केबीसी-12 के अखिल भारतीय सिम कार्ड लक्की ड्रा की विजेता चुनी गई हैं। साथ ही उसे बताया गया कि उनकी फाइल बन चुकी है और उस फाइल में महिला को अपनी फोटो लगानी है। इसके बाद महिला को एक नंबर भेजा गया और कहा गया कि उन्हें वह फाइल उस नंबर पर भेजनी है। इसके बाद महिना को एक अकाउंट नंबर भेजा गया और जीती हुई रकम का जीएसटी और ट्रांसफर राशि के रूप में 15,000 रुपए जमा कराने के लिए कहा गया। महिला को शक हुआ तो उसने उस नंबर से फोन उठाना बंद कर दिया और वह ठगी का शिकार होने से बच गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल का कहना है कि इसी साल मार्च में साइबर सेल ने तीन ठगों को गिरफ्तार किया था। गिरोह का सरगना राऊफ पाकिस्तान से ठगी को ऑपरेट कर रहा था। ठगी के पैसे का 70 फीसदी हिस्सा हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जाता था। साइबर सेल का कहना है कि ऐसे फर्जी केबीसी लॉटरी व्हाट्सएप मैसेज के चक्कर में न पड़ें। न ही ऐसे लोगों को अपने बारे में किसी तरह की जानकारी दें।