यह भी पढ़ेंः- भारत से पहले Apple की हो जाएगी 5 Trillion Dollars Economy!
तुरंत नहीं मिली रिहाई
वधावन बंधु हालांकि इस जमानत के बाद तत्काल जेल से रिहा होने में सफल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि सीबीआई ने भी इसी मामले में उन्हें अलग से आरोपी बनाया हुआ है। दोनों को सीबीआई ने 26 अप्रैल को महाबलेश्वर हिल स्टेशन से हिरासत में लिया था और उसके तीन सप्ताह बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।
यह भी पढ़ेंः- Gold Rate Today : डॉलर में तेजी से भारत में सस्ता हुआ सोना और चांदी, जानिए आज के दाम
जमानत याचिका पर रोक की याचिका खारिज
न्यायमूर्ति डांगरे ने अतिरिक्त सॉलिस्टिर जनरल अनिल सिंह की दो सप्ताह के लिए जमानत याचिका पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि स्थायी कानूनी स्थिति यह है कि एक बार अगर डिफॉल्ट जमानत का अधिकार मिल जाता है तो, आरोपी को एक दिन भी हिरासत में नहीं रखा जा सकता। ईडी ने 14 मई को वधावन बंधुओं को धनशोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन एजेंसी तय 60 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी थी, इसी आधार पर दोनों ने बांबे हाई कोर्ट का रूख किया था और जमानत की मांग की थी।
यह भी पढ़ेंः- Bill Gates ने कहा, Underdeveloped Countries को 2022 तक उपलब्ध होगी Corona Vaccine
आरोप पत्र दाखिज करने की एक दिन की देरी
ईडी ने आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि 15 जुलाई के एक दिन बाद आरोप पत्र दाखिल किया। एजेंसी ने वधावन बंधुओं, यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू कपूर और बेटियां रेखा व रोशनी और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। सीबीआई ने 7 मार्च को यस बैंक द्वारा संदेहपूर्ण ऋण दिए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके आधार पर ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी।