बीच में अटक गई डील
आपको बता दें कि डील स्ट्रक्चर और वैल्युएशन को लेकर दोनों कंपनियों में बात नहीं बनी है, जिसके कारण दोनों कंपनियों की डील अटक गई है। डील अटकने की जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। बता दें कि सऊदी अरामको मुकेश अंबानी की कंपनी में 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने जा रही थी। रिलायंस समूह के 2,88,243 करोड़ रुपये के कर्ज में से कुछ हिस्से को एसपीवी में ट्रांसफर किए जाने की बात से भी सउदी कंपनी सहमत नहीं हुई। रिलायंस द्वारा इन मामलों में बदलाव किए जाने के बाद दोनों कंपनियां बातचीत को फिर आगे बढ़ा सकतीं हैं।
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अल फलीह ने किया खुलासा
अल फलीह और अंबानी के बीत पहले से ही काफी अच्छे रिश्ते हैं। जब वह अंबानी की पुत्री इशा की अजय पिरामल के पुत्र आनंद के साथ विवाह से पहले आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने उदयपुर गए थे। इस यात्रा के दौरान उनकी अंबानी के साथ बातचीत भी हुई थी। बाद में उन्होंने ट्वीट किया था कि हमारे बीच संयुक्त निवेश के अवसरों और पेट्रोरसायन, रिफाइनिंग और संचार परियोजनाओं में सहयोग के लिए विचार विमर्श हुआ। इसके बाद जनवरी में आरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अंबानी के साथ बैठक हुई थी।
2030 तक बढ़ाएंगे अपना कारोबार
आपको बता दें कि एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जामनगर में 1.4 मिलियन बैरल प्रति दिन ऑयल प्रोसेसिंग क्षमता वाले दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्पलेक्स का परिचालन करती है। भारत सरकार के साथ साझा किए गए प्लान के मुताबिक, कंपनी की 2030 तक 2 मिलियन टन तक क्षमता बढ़ाने की योजना है। हालांकि इस रिपोर्ट पर रिलायंस और सऊदी अरामको से कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी।
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