2007 से जुड़े हैं कंपनी के साथ
आपको बता दें कि रिशद प्रेमजी साल 2007 से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं। विप्रो के साथ जुड़ने से पहले वह बेव कंपनी लंदन में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने जीई कैपिटल में भी काम किया है। कंपनी को संभालने के साथ-साथ रिशद कंपनी की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक और शिक्षा से जुड़े कामों की भी देखरेख करते हैं। रिशद को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने साल 2014 में यंग ग्लोबल लीडर के तौर पर भी सम्मानित किया था। रिशद आईटी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम (NASSCOM) के चेयरमैन भी रहे हैं।
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नई ऊंचाइयों पर जाएगी कंपनी
अजीम प्रेमजी ने रिटायरमेंट के समय कहा कि आने वाले समय में विप्रो और ऊंचाइयों पर जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी की स्ट्रैटेजी को सफल बनाने के लिए हम प्रमुख रूप से चार क्षेत्रों- डिजिटल, क्लाउड, इंजीनियरिंग सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी में निवेश कर रहे हैं, जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
तीसरी सबसे बड़ी IT कंपनी विप्रो
बता दें कि विप्रो देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी है। अजीम प्रेमजी ने इस कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। इस कंपनी के दुनियाभर में 1 लाख 30 हजार कर्मचारी हैं और इसकी 54 देशों में शाखाएं हैं। विप्रो का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
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