आरएसएचएल का नियंत्रण पेट्रोलियम ट्रस्ट के पास है। पेट्रोलियम ट्रस्ट 2002 में अपनी स्थापना के समय से ही समूह की प्रमोटर कंपनी है। पेट्रोलियम ट्रस्ट का एकमात्र हितभागी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंटमेंट्स एंड होल्डिंग लिमिटेड है, जो आरआईएल की शतप्रतिशत सहायक कंपनी है। इस प्रकार आखिरकार इन शेयरों के लाभार्थी आरआईएल के शेयरधारक हैं।
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आरआईएल के प्रवक्ता ने कहा, “शेयरों की लिवाली का कोई हस्तांतरण नहीं है। आरआईएल के 41.28 करोड़ के ट्रेजरी शेयरों में पेट्रोलियम ट्रस्ट के 24.09 करोड़ शेयर हैं और आरआईएल की सहायक कंपनियों के 17.019 करोड़ शेयर हैं। आरआईएल की सहायक कंपनियों की चल रही आंतरिक रिस्ट्रक्चरिंग के हिस्से के रूप में पांच सहायक कंपनियों के 17.19 करोड़ के शेयरों का विलय आरएसएचएल के साथ किया गया है जोकि पेट्रोलियम ट्रस्ट के नियंत्रण वाली कंपनी है।”
प्रवक्ता ने बताया कि दरअसल 17.19 करोड़ के शेयर पेट्रोलियम ट्रस्ट के अधीन है, इसलिए अधिग्रहण नियम के तहत आरएसएचएल द्वारा आवश्यक खुलाया किया गया है। कंपनी ने कहा, “इस प्रकार यह खुलासा सिर्फ मौजूदा ट्रेजरी शेयर के पुनवर्गीकरण के लिए है। किसी नए शेयर का अधिग्रहण नहीं किया गया है और आरआईएल में मुकेश अंबानी की हिस्सेदारी में वृद्धि नहीं हुई है।”
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यह स्पष्टीकरण उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया कि अंबानी की कंपनी रिलायंस सर्विसेस एंड होल्डिंग्स द्वारा 13 सितंबर को 17.18 करोड़ इक्विटी शेयर यानी 2.17 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के बाद आरआईएल में मुकेश अंबानी की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।