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क्या है पेंच
गुरुवार को सुनवाई के दौरान, विशेष न्यायधीश यू एम मुधोलकर ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाले कोर्ट को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( PMLA ) के तहत और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो/भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के तौर पर यह पावर होना चाहिए। मौजूदा समय में कोर्ट को पीएमएलए के तहत ही पावर मिला हुआ है। उन्होंने कहा, “सीबीआई/एसीबी के तहत कोर्ट को मिलने वाले पावर पर ध्यान देना चाहिये। अभी तक कोर्ट को इसके तहत कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है। ऐसे में आज संभव नहीं है कि कोर्ट इस मामले की सुनवाई को कर सके।”
नीरव मोदी के वकील ने क्या दी थी दलील
बता दें कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने कोर्ट में दलील दी थी कि यह कोर्ट पीएमएलए कानून के अंतर्गत आता है। इसमें भ्रष्टाचार निरोधी कानून को शामिल नहीं किया जा सकता। जस्टिस मुधोलकर ने कहा, “ऐसे मामले में कोई प्रभावी आदेश जारी करना उचित नहीं होगा। बहुत जल्द इस संबंध में नोटिफिकेशन आ सकता है। इस केस में भावी जटिलता से बचने के लिए हम इस मामले की सुनवाई को तब तक टालते हैं जब तक की कोर्ट को नोटिफिकेशन प्राप्त नहीं हो सकता है।”
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इस माह नीरव मोदी को लगे हैं कई झटके
इस माह के शुरुआत में ही डेट रिकवरी ट्रिब्युनल ( DRT ) ने नीरव मोदी को निर्देश दिया था कि वो पंजाब नेशनल बैंक को ब्याज समेत 7,200 करोड़ रुपये मुहैया कराये। बीते दो सप्ताह में नीरव मोदी को कई बड़े झटके लगे हैं। पिछले माह 27 जून को स्विटजरलैंड सरकार ने प्रवर्तन निदेशायल के अनुरोध पर नीरव मोदी व उसकी बहन पूर्वी के 4 खतों को जब्त कर लिया है। इन खातों में कुल 283.16 करोड़ रुपये थे।
2 जुलाई को सिंगापुर हाईकोर्ट ने नीरव मोदी, उसकी बहन पूर्वी व पति मयंक मेहता के अन्य चार खातों को भी जब्त किया था। इन खातों में कुल 44 करोड़ रुपये रखे जाने की जानकारी बताई जा रही है। बता दें कि पूर्वी व मयंक मेहता के खिलाफ इंटरपोल ने रेट कॉर्नर नोटिस पर भी जारी कर चुका है।
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