कर्मचारी यूनियन ने कहा कि नरेश गोयल ने बीते 25 साल से कंपनी चलाया। इसके बाद भी उन्हें कंपनी से निकालने का षडयंत्र क्यों किया जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि हम हार नहीं मानेंगे। हम लगातार अपनी सैलरी का दावा करते रहेंगे और सैलरी लेकर ही रहेंगे। यूनियन ने कहा कि कर्मचारी काम करने के लिए तैयार हैं। हम भागने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों ने सरकार से भी इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह संकट एक कॉरपोरेट वॉर है और सरकार को अब इस संकट के परिणाम के बारे में सोचना होगा।
22 हजार कर्मचारियों के भविष्य पर संकट
कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग को दूसरी एयरलाइंस में भी काम नहीं मिल रहा है। कॉरपोरेट वॉर का चार्ज किराए में बढ़ोतरी तक ही सीमित है। इसके अतिरिक्त क्राउड फंडिंग एक रास्ता हो सकता है। गौरतलब है कि जेट एयरवेज के परिचालन बंद होने से करीब 22 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट का बादल मंडरा रहा है। इन 22 हजार कर्मचारियों में से 16 हजार कर्मचारियों जेट के हैं, वहीं करीब 6000 कर्मचारी जेट एयरवेज के कंट्रैक्ट आधार पर कर्मचारी हैं।
जेट एयरवेज का नेट वर्थ घटकर 1,808 करोड़ रुपए रह गया
परिचालन बंद होने के बाद डीजीसीए ने आज कहा कि हम नियमों के तहत जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने में लगे हैं। हमने कंपनी से रिवाइवल प्लान के बारे में विस्तृत जानकारी मांगा है ताकि कंपनी का परिचालन एक बार फिर से शुरू किया जा सके। गुरुवार को जेट एयरवेज के शेयर्स में 27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दोपहर 12:30 बजे 27.06 फीसदी लुढ़ककर जेट एयरवेज के शेयर्स 176.40 रुपए प्रति शेयर के स्तर पर कारोबार कर रहा था। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, जेट एयरवेज का अब नेट वर्थ घटकर 1,808 करोड़ रुपए ही रह गया है।
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