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लंदन की कोर्ट भारतीय कोर्ट के फैसले से सहमत
वहीं लंदन हाईकोर्ट की दिवाला शाखा ने भारतीय कोर्ट के उस फैसले में अपनी भी सहमति जता दी है जिसमें कहा गया है कि 13 भारतीय बैंकों का समूह तकरीबन 1.145 अरब पाउंड के कर्ज की भरपाई करने के लिए अधिकृत है। वास्तव में लंदन की दिवाला शाख में जस्टिस माइकल ब्रिग्स ने इस हफ्ते सुनवाई की है। कोर्ट बैंकों की 2018 की उस याचिका की सुवाई कर रही है जिसमें बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन द्वारा कर्ज की भारपाई की जा सके। हाईकोर्ट ने अपने पहले फैसले में साफ कहा था कि पूरी दुनिया में फैली संपत्ति की खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध को नहीं हटाया जा सकता है।
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कंसोर्टियम में ये बैंक हैं शामिल
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ बैंकों के इस कंसोर्टियम में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू ऐंड कश्मीर बैंक, पंजाब ऐंड सिंध बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनैंशल असेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।