हो सकती है 10 साल की जेल भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर और एमडी नीरज सिंघल को कंपनी एक्ट 2013 की धारा 447 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। यह पहला मौका है जब बैंक धोखाधड़ी के मामले में
SFIO की टीम की ओर से किसी को गिरफ्तार किया गया है। जानकारों के अनुसार इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को कम से कम 6 माह और अधिकतम 10 साल तक की सजा देने का प्रावधान है। साथ ही दोषी पर धोखाधड़ी की न्यूनतम रकम के बराबर अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि सिंडिकेट बैंक घूस मामले में सीबीआई नीरज सिंघल को 2014 में भी गिरफ्तार कर चुकी है।
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की सिफारिश पर चल रही है जांच नीरज सिंघल की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने भी एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के आदेश पर भूषण स्टील और इस ग्रुप की कई अन्य कंपनियों की जांच SFIO द्वारा कराई जा रही है। इस जांच में भूषण स्टील के प्रमोटर धोखाधड़ी कर विभिन्न बैंकों से हजारों करोड़ रुपए का लोन लेने के आरोपी पाए गए हैं। इसके बाद ही नीरज सिंघल की गिरफ्तारी की गई हैं। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भूषण स्टील के प्रमोटरों के कृत्यों के कारण बैंकों और कंपनी के निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।