जेट एयरवेज के खिलाफ चल रही दिवाला प्रक्रिया
अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय एनसीएलएटी पीठ ने नीदरलैंड की एजेंसी के प्रशासक से भारत में जेट एयरवेज के खिलाफ चल रही दिवाला प्रक्रिया में सहयोग करने को कहा है। नीदरलैंड के ऋण शोधन अदालत के प्रशासक अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष कर्ज में डूबी जेट एयरवेज की जब्त संपत्ति नहीं बेचने पर सहमति जतायी है।
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दो सप्ताह में बैंकों को देना है जवाब
एनसीएलएटी ने नीदरलैंड की एजेंसी द्वारा उठाए गए मुद्दे पर जेट एयरवेज को कर्ज दे रखे बैंकों के समूह को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। इससे पहले एनसीएलटी मुंबई ने नीदरललैंड की एजेंसी की अपील खारिज कर दी थी। अपील में उनके यहां जारी कार्यवाही पर गौर करने को कहा गया था। जेट एयरवेज को नीदरलैंड में दिवाला एवं ऋण शोधन प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।
280 करोड़ रुपये के बकाया का किया दावा
कंपनी को दो यूरोपीय कर्जदाताओं की शिकायत पर दिवाला घोषित किया गया है। अप्रैल में एच एस्सार फाइनेंस कंपनी तथा वेलनेबार्न ट्रांसपोर्ट ने याचिका दायर कर करीब 280 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया था। उसके बाद नीदरलैंड की अदालत ने एक न्यासी प्रभारी की नियुक्ति की और वह एयरलाइन की वित्तीय स्थिति तथा संपत्ति पर नियंत्रण हासिल करने के लिए भारत में संबंधित विभाग से संपर्क किया था। जेट एयरवेज का एक विमान पहले ही नीदरलैंड में जब्त किया जा चुका है। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 26 बैंकों का समूह कंपनी से 8,500 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर एनसीएलटी में मामला दायर किया है।
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