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जेट पर है 8500 करोड़ का कर्ज
जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों ने पहले ही निवेशकों को जानकारी देते हुए बताया था कि कंपनी की सेवाओं को एक बार फिर से शुरू करना एक मुश्किल काम है क्योंकि कंपनी के ऊपर करोड़ों रुपए का कर्ज है, जिसके कारण कंपनी की नेगेटिव नेटवर्थ को बदलना बहुत ही मुश्किल है। जेट पर लगभग 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपए है। ज्यादा कर्ज होने के कारण कंपनी की साख को भी काफी नुकसान हुआ है।17 अप्रैल को बंद की थी उड़ानें
आपको बता दें कि देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन ने 17 अप्रैल को अपनी सभी उड़ानें बंद कर दी थीं क्योंकि कंपनी के पास रोज के खर्च के लिए भी पैसे नहीं थे और सभी बैंकों ने कंपनी को कर्ज देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण कंपनी जमीन पर आ गई। कंपनी के बंद हो जाने से लाखों कर्मचारियों पर नौकरी का संकट आ गया। इसके साथ ही कई कर्मचारियों को लंबे समय से कंपनी की ओर से वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण सभी कर्मचारियों की जिंदगी संकट में पड़ गई।ये भी पढ़ें: पाकिस्तान को तो भारत के हाथों मिली करारी हार, लेकिन इनके बच गए 137 करोड़ रुपए
बैंक नई योजना बनाकर कर रहे जेट के लिए काम
बैंकों ने कहा कि वह कोशिश कर रहे हैं कि कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में न लेकर जाना पड़े क्योंकि वे इसे बेचकर अधिक से अधिक रिकवरी की कोशिश में हैं। इसलिए बैंक ऐसी योजना बनाकर काम करना चाह रहे हैं, जिससे किसी को भी ज्यादा नुकसान न हो। इसके अलावा आपको बता दें कि जेट एयरवेज ब्रांड को किसी निवेशक को भी बेचा जा सकता है, लेकिन अगर यह फैसला लिया जाता है तो इसमें बैंकों को काफी नुकसान होगा क्योंकि बैंकों को दिए गए कर्ज के बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ेगा।