ललितपुर. शिक्षामित्रों का सर्वोच्च न्यायालय में लंबित फैसला आखिर मंगलवार को आ गया। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सूबे के लगभग पौने दो लाख शिक्षा मित्र प्रभावित होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी सी राहत यह जरूर दे दी कि यह शिक्षा मित्र सहायक शिक्षक के लिए आवश्यक अहर्ता टीईटी पास है या भविष्य में पास कर लेते हैं तो नियुक्ति प्रक्रिया में उन पर विचार किया जाना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आक्रोशित शिक्षामित्र शहर के कंपनी बाग में एकत्रित हुए और जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी आवास पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। कंपनी बाग में शिक्षामित्रों की बढ़ती भीड़ को देखकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया। तत्काल मौके पर सीओ सिटी हिमांशु गौरव और कोतवाल भरत पांडे भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और शिक्षा मित्रों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन और अनुशासित जुलूस निकालकर जिलाधिकारी आवास पहुंचने की अपील की।
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जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी आवास पहुंचे शिक्षामित्रों ने डीएम को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान हुई सभा में शिक्षामित्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। न्यायपालिका से ऐसी उम्मीद नहीं थी। शिक्षामित्रों ने कहा कि कोर्ट के फैसले ने प्रदेश के पौने दो लाख लोगों को सड़क पर ला दिया है। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों ने धमकी दी की अगर हमें अध्यापक नहीं बनाया जाता है तो हम इस्लाम कबूल कर लेंगे!
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