बचे परिवारों के शौचालय के लिए बजट जिले में बेसलाइन सर्वे के बाद परिवारों की संख्या बढ़ गई है। कुछ परिवार अलग हो गए हैं और कई छूटे पात्र परिवारों को शौचालय नही मिल पाया है। जिले में ऐसे परिवारों की संख्या 1.53 लाख है। पिछले दिनों ऐसे परिवारों का सत्यापन कराया गया था। उनकी सूची जिलेभर से मंगवाई गई है। सूचीबद्ध परिवारों की डाटा फीडिंग तेजी से कराई जा रही है। जल्द ही इन परिवारों के शौचालय के लिए भी बजट मांगा जाएगा।
शौचालय निर्माण में जमकर हुआ गड़बड़झाला शौचालय निर्माण के लिए पात्र परिवारों को पंचायती राज विभाग की ओर से 2 घंटे में 12 हजार रुपये का अनुदान दिया गया। वह अनुदार लाभार्थियों के खाते में भेजा जाता था। लेकिन प्रधान व सेकेंडरी की मिलीभगत के कारण अनुदान में जमकर बंदरबांट और धांधली हुई। हाल ही में संतोष कुमार सिंह के निरीक्षण में ग्राम पंचायत चंद्रपुरा में प्रधान द्वारा अपने ही दो बेटों को शौचालय का बजट आवंटित करने का मामला सामने आया था। इसी तरह धौरहरा, ईशानगर, रमियाबेहद, निघासन, पलिया समेत कई ब्लॉकों में बजट मिलने पर उसे खर्च कर लेने के मामले सामने आए हैं। कई जगहों पर प्रधान और सेक्रेटरी का शौचालय निर्माण की सामग्री ने भी गड़बड़ी के मामले उजागर हुये है।