हाईकोर्ट पहले ही चीनी मिल के पक्ष में दे चुका है फैसला
हाईकोर्ट ने साल 2022 में किसानों की अपील खारिज करते हुए चीनी मिल के पक्ष में फैसला दिया। बावजूद इसके, कुछ किसान अभी भी अधिग्रहित जमीन पर कब्जा किए हुए हैं, जिससे फैक्ट्री का निर्माण रुका हुआ है।
पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग, आधा दर्जन किसान हिरासत में
रविवार को एडीएम वैभव मिश्रा और अपर पुलिस अधीक्षक रितेश सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान कुछ किसानों ने विरोध किया, जिसके चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। विरोध करने वाले आधा दर्जन किसानों को हिरासत में लेकर हाटा कोतवाली भेज दिया गया।एडीएम वैभव मिश्रा ने बताया कि किसानों को 2024 के सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि अनावश्यक विरोध न करें और जमीन खाली करें। प्रशासन ने बताया कि फैक्ट्री बनने से क्षेत्र के किसानों को ही लाभ मिलेगा।
जानिए पूरा मामला
सरकार ने 2009 में ढांढा क्षेत्र के हरपुर गांव में 178 किसानों की 14.67 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की थी। 88 किसानों ने मुआवजा लेकर अपनी जमीन खाली कर दी, लेकिन 90 किसान अब भी विरोध कर रहे थे। प्रशासन की कई कोशिशों के बावजूद अब तक यह मामला सुलझ नहीं पाया था।प्रशासन का कहना है कि एथेनॉल फैक्ट्री खुलने से न केवल स्थानीय किसानों को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। उन्होंने किसानों से इस विकास कार्य में सहयोग करने की अपील की है।