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इतना ही नहीं, अजीतेश ने अपने विवाह के कार्ड से भी दहेज के लोभियों को संदेश दिया हैं। मीणा के आमंत्रण कार्ड पर लिखाया है- ‘हमें दहेज नहीं, बहू के रूप में बेटी चाहिए। अजीतेश सवाईमाधोपुर के गांव धनौली के रहने वाले हैं। वे भारतीय राजस्व सेवा की परीक्षा में टॉपर रहे। कोटा में सालभर से कार्यरत हैं। दहेज नहीं लेने का विचार पर उन्होंने कहा कि आडंबर और दिखावा से जीवनपर्यन्त दूर रहने की बात कही। उन्होंने बताया कि दहेज अभिशाप की तरह है। इससे परिवार तो टूटते ही है, मनमुटाव भी रहता है। युवाओं को लालच में पड़कर इस कुरीति में नहीं फंसना चाहिए।
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3 मार्च को बजेगी शहनाई
पिछले दिनों सगाई में शगुन के तौर पर उन्होंने मात्र एक रुपया ही लिया। उनकी सगाई उनके गांव में हुई और विवाह आगामी 3 मार्च को है। उनका विवाह श्रीमहावीरजी के पास स्थित टोडुपूरा निवासी शिक्षिका बबीता से तय हुया है।
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अजीतेश ने बताया कि आज हम पहल करेंगे तो कल कोई ओर, इस तरह से दहेज के प्रति लोगों की सोच बदलेगी और समाज इस अभिशाप से मुक्त होने लगेगा। युवाओं को दहेज का विरोध कर समाज के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।