ऑक्सीजन की कमी को करता है पूरा वैद्य सुधीन्द्र शृंगी ने बताया कि पौधे के उत्पादों का उपयोग गर्मी से राहत दिला सकता है। पलाश का शर्बत व गोंद ठण्डा होता है, सेवन तरोताजा रखता है। गूलर पताशे में लें तो लू से बचाव। दोब का रस नाक में डालने से नकसीर से छुटकारा। दूब को पीसकर शरीर पर लगाएं तो झुलसी त्वचा में राहत। नीम की ठंडक कई रोगों से मुक्तिदायी है। बरगद व पीपल का पानी खून में आक्सीजन की कमी को पूरा कर घबराहट से मुक्ति देता है।
चन्द्रमा को पावरफुल बनाता है पलाश सौरमंडल के प्रमुख ग्रह को मजबूत बनाने के लिए आंक का पौधा राहत देने वाला है तो चन्द्रमा को ताकतवर बनाने के लिए पलाश। इतना ही नहीं, कुछ पौधे के उत्पादों का उपयोग गर्मी से राहत दिला सकता है। वैद्य सुधीन्द्र शृंगी बताते हैं कि पलाश का पेड़ गर्मी में राहत देने वाला है। पलाश का शर्बत व गौंद ठण्डा होता है, इसका सेवन गर्मी में तरोताजा रख सकता है।
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त्वचा को निखारती है दूब
गूलर पताशे में लेलें तो गर्मी व लू से बचाव हो सकता है। दोब का रस नाक में डालने से नाक से खून निकलने की समस्या से छुटकारा दे सकते हैं। दूब को पीसकर शरीर पर लगाएं तो गर्मी में झुलसी त्वचा को राहत दे सकता है। नीम की ठंडक कई रोगों से मुक्ति देने वाली है। शृंगी के अनुसार धर्म में पलाश को ब्रह्मा, पीपल को विष्णु व बरगद को महेश कहा है। ये पेड़ प्रचुर मात्रा में आक्सीजन देने वाले हैं। बरगद व पीपल का पानी खून में आक्सीजन की कमी को पूरा कर घबराहट से मुक्ति दे सकता है।
वास्तु: हो जाते हैं दोष दूर
वास्तुकार भरत कुमावत ने बताया कि अशोक, पुन्नाग, मौलसिरी, शमी, चंपा, अर्जुन कटहल, केतकी, चमेली, पाटल, नारियल, नागकेशर, अडहुल, महुआ, वट, सेमल,बकुल, शाल के पौधे सुख-समृद्धि दायक होते हैं। घर के दक्षिण पश्चिम में नीम, पीपल, आंवला, शीशम, गुलमोहर, जैसे बड़े व छायादार पेड़ वास्तुदोषों का निवारण करते हैं, वहीं पूर्व उत्तर दिशा में छोटे पेड़ चमेली, चांदनी, कामिनी,गुलाब,हजारा, मनीप्लांट, तुलसी के पौधे खुशहाली देने वाल होते हैं।