एमबीएस अस्पताल में इन दिनों मरीज चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ पानी के लिए भी तरस रहे हैं। वार्डों में भर्ती मरीजों के परिजन कैंटिन से तो कई दूर-दराज से पानी का जुगाड़ करने को मजबूर हैं। वहीं, अस्पताल स्टाफ को भी नियमित कार्यों के उपयोग के लिए बाहर से पानी लाना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी से मरीज, तिमारदार व स्टाफ परेशान हो रहे हैं।
अस्पताल में पानी की सप्लाई के लिए लगी मोटर सोमवार शाम को खराब हो गई, जिससे कई वार्डों में पानी नहीं पहुंच सका। अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद मंगलवार को भी मोटर को ठीक नहीं करवाया गया।
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अधिकारियों ने किया किसानों को गुमराह, मनमर्जी कर घोंटा गला, अब होगा उग्र आंदोलनयहां अधिक समस्या मोटर खराब होने से कॉटेज व डिलक्स वार्ड में पानी की समस्या अधिक रही। इसके अलावा लैब, स्ट्रोक यूनिट, किचन, मेडिसिन वार्ड ए व बी, न्यूरो आईसीयू में भी ऐसे ही हालात बने रहे। इमरजेंसी सर्जरी वार्ड में सुबह से ही पानी की सप्लाई बंद थी। इससे मरीजों व अस्पताल स्टाफ को पानी के लिए परेशान होना पड़ा। लैब कर्मचारियों ने बताया कि यहां दो दिन से नलों में पानी नहीं आ रहा। हालात इतने खराब है कि एक माह में 10 दिन प्लम्बर को बुलाना पड़ता है। उच्चाधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत करा चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हो रहा।
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बेटे के सामने मां से किया गैंग रेप फिर कर डाली दोनों की हत्या, कोटा की कोर्ट ने 3 हत्यारों को सुनाई मौत की सजा फ्लोराइड युक्त पानी पी रहे, मरीज व तिमारदार एमबीएस के कॉटेज, डिलक्स सहित अन्य वार्डों में पानी की सप्लाई बोरिंग से की जाती है। बोरिंग के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, जिसे फिल्टर करने की व्यवस्था तक नहीं है। ऐसे में मरीज व तीमारदार फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। कई नर्सिंगकर्मी घरों से बोतल में पानी लेकर आते हैं। अस्पताल प्रबंधन जानकर भी समस्या से अनजान बने हुआ है।
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अधीक्षक एमबीएस डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि अस्पताल में पानी सप्लाई की मोटर जल गई थी, जिसे जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा।
अधीक्षक एमबीएस डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि अस्पताल में पानी सप्लाई की मोटर जल गई थी, जिसे जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा।