scriptअब स्कूलों में होगी जासूसी, कौन है जासूस ? जानिए इस खबर में… | To Improve The Arrangements of Schools Students Can Call DEO | Patrika News
कोटा

अब स्कूलों में होगी जासूसी, कौन है जासूस ? जानिए इस खबर में…

बारां. स्कूलों में कोई भी अव्यवस्था व कमी पाई गई तो विद्यार्थी अब शिक्षा अधिकारी को फोन करके मौके पर बुला सकेंगे।

कोटाAug 27, 2017 / 07:48 pm

​Vineet singh

To Improve The Arrangements of Schools Students Can Call DEO

बारां. स्कूलों में कोई भी अव्यवस्था व कमी पाई गई तो विद्यार्थी अब शिक्षा अधिकारी को फोन करके मौके पर बुला सकेंगे।

बारां.

अब सरकारी स्कूलों मेें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने सहित अन्य व्यवस्थाएं सुधारने के लिए छात्र-छात्राएं मुखबिरी करेंगे। शिक्षा के स्तर में हो रही गिरावट व स्कूलों में हो रही लापरवाही को लेकर शिक्षा में सुधार व स्कूलों पर नजर रखने के लिए बच्चों को डीईओ ने नम्बर देना शुरू कर दिया है। जिससे वे उन्हे मौके पर बुलाकर स्कूल की जानकारी दे सकेंगे।
शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी को समय-समय पर स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दे रखी है। इसके तहत अधिकारी स्कूलों में जाकर निरीक्षण भी करते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो मौके पर व्यवस्था सुधरवा भी देते हैं। ऐसे में एक या दो दिन व्यवस्था तो सुधर जाती है लेकिन बाद में पुन: वैसी ही व्यवस्था हो जाती है।
यह भी पढ़ें

हैंगिंग ब्रिज पर भरे वाहनों ने फर्राटे…देखिए तस्वीरें 

इसलिए पड़ी जरूरत
एक ही स्कूल का बार-बार निरीक्षण करना सम्भव भी नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पांचूराम सैनी ने कहा कि स्कूलों में निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं को मोबाइल नंबर देना शुरू कर दिया है। इस दौरान छात्र-छात्राओं को कहा जाता है कि यदि कोई भी स्कूल में अव्यवस्था दिखे तो तुरंत फोन पर सूचना दें। ताकि बिगड़ी व्यवस्थाओं को मौके पर ही सुधार जा सकता है। साथ ही किसी भी स्कूल में कमियां होने पर तुरंत ही पता चल जाएगा। साथ ही शिक्षक समय पर स्कूल आएंगे।
यह भी पढ़ें

कोटा में पुलिस को भारी पडा वाहनों के चालान काटना, भीड ने खदेडा 

ये सुधरी व्यवस्था
डीईओ ने हाल ही में किशनगंज ब्लॉक के उच्च माध्यमिक स्कूल परानिया का निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूल में साफ सफाई नहीं थी। पेयजल व्यवस्था, मिड डे मील की गुणवत्ता में कमी सहित व्यवस्थाएं खराब थी। ऐसे में डीईओ ने छात्र-छात्राओं को अपना मोबाइल नंबर दिया, जिससे व्यवस्थाएं एक ही दिन में सुधर गई।
यह भी पढ़ें

राजस्थान का ये शहर बुझा रहा मध्यप्रदेश की प्यास

ये होती है कमियां
ज्यादातर सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं आते हैं। शिक्षकों का बच्चों को पढ़ाई की अपेक्षा आपस ंमें बातें करने पर ज्यादा ध्यान रहता है। स्कूलों में साफ सफाई, पेयजल व्यवस्था, समय पर छात्र-छात्राओं के नहीं आना सहित अन्य कमियां पाई जाती है।
माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी पांचूराम सैनी का कहना है कि व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बच्चों को मोबाइल नंबर देना शुरू कर दिए हैं, जिससे कमी मिलते ही वे तुरंत फोन पर सूचना दे सकें।

Hindi News / Kota / अब स्कूलों में होगी जासूसी, कौन है जासूस ? जानिए इस खबर में…

ट्रेंडिंग वीडियो