आदेशों की पालना नहीं हो रही सैनी ने जिला कलक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक व माध्यमिक और सीबीएसई के सिटी कॉर्डिनेटर के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की थी। जिसमें कहा था कि केन्द्र सरकार की
एनसीईआरटी पुस्तकें लागू करने की गाइड लाइन के बावजूद पुस्तक विक्रेता निजी सकूल के प्रकाशकों की पुस्तकें बेच रहे हैं। निजी स्कूल संचालक मुनाफा कमाने के लिए हर साल किताबें बदल दते हैं। साथ ही एनसीईआरटी के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं। ऐसा जिला शिक्षा अधिकारी व स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण हो रहा है।
जवाब के बाद मिला आदेश नोटिस के जवाब में सीबीएसई के सिटी कॉर्डिनेटर ने कहा कि उनका कार्य केवल परीक्षाएं आयोजित करना है। फीस व पाठ्य सामग्री से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं जिला शिक्षा अधिकािरयों ने जवाब में कहा कि दुकानदारों द्वारा बैग, किताबें व ड्रेस लेने के लिए किसी को भी बाध्य नहीं किया जा रहा है। अदालत के अध्यक्ष कैलाशचंद मीना, सदस्य अजय पारीक व डॉ. अरुण शर्मा ने जिला कलक्टर व शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया कि विद्यार्थियों को यह स्वतंत्रता दी जाए कि वे अपने स्तर पर अच्छी क्वालिटी की ड्रेस, बैग व किताबें जहां पर उपलब्ध हों वहां से खरीदें। स्कूलों से पालना करवाएं।
कोटा स्टोन का कारोबार पूरी तरह बंद होने जा रहा है 15 दिन की मासूम भी आई डेंगू की चपेट में शहर में डेंगू का कहर थम ही नहीं रहा। 15 दिन की मासूम को भी इसने चपेट में ले लिया है। वह जेके लोन चिकित्सालय में भर्ती है। जेके लोन चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. आरके गुलाटी ने बताया कि पंद्रह दिन पहले श्रीपुरा निवासी खुशबु पत्नी शाहीद हुसैन ने बेटी को जन्म दिया, उसका वजन 2 किलो 700 ग्राम था। 5 से 7 नवम्बर तक बच्ची को जेके लोन चिकित्सालय के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। बच्ची दूध नहीं पी रही थी, बुखार भी था। उसका इलाज किया गया और ठीक होने पर बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद 8 नवम्बर को उसे तबीयत खराब होने पर फिर से भर्ती कराया गया। उसकी प्लेटलेट्स काउंट 33 हजार रह गई थी। जांच कराई तो बच्ची डेंगू पॉजीटिव आई। उसका इलाज किया जा रहा, प्लेटलेट काउंट बढ़ गई है।