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कोटा

ऐसा मंदिर जहां बजरंग बली लिखकर देते हैं भक्तों के सवालों का जवाब

देश में कई ऐसे मंदिर या पीठ हैं जिनकी शक्तियों से लोग आज भी आश्चर्यचकित हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इन स्थानों पर पूजा-पाठ करते हैं और अपनी मुरादे भगवान के सामने रखते हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार यह पूरा भी होता है। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के कोटा में है।
 
 

कोटाFeb 15, 2024 / 01:01 pm

Suman Saurabh

Flax of ban on short clothes at ancient Chamunda Mata temple

– इससे पहले जून 2023 में खड़े हनुमान मंदिर पर फैसला लेकर लगाया था फ्लैक्स

देश में कई ऐसे मंदिर या पीठ हैं जिनकी शक्तियों से लोग आज भी आश्चर्यचकित हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इन स्थानों पर पूजा-पाठ करते हैं और अपनी मुरादे भगवान के सामने रखते हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार यह पूरा भी होता है। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के कोटा में है। जहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और भगवान के सामने अपनी इच्छा व्यक्त करते हैं, जिसका जवाब खुद मंदिर के भगवान कोरा काजग में लिखकर देते हैं। यह सब केवल कुछ ही मिनटों में होता है।

यह चमत्कारिक कहानी है कोटा से पंद्रह किलोमीटर दूर नांता गांव में स्थित भगवान हनुमान मंदिर की। जहां दो दिन (मंगलवार और शनिवार) को सैकड़ों की संख्या में भक्त अपने सवाल लेकर मंदिर पहुंचे हैं, जिसका जवाब स्वंय भगवान हनुमान जी कोरा कागज में लिखकर देते हैं।

कहते हैं कि इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी लोगों के मन में उठे सवाल को पढ़ लेते हैं। इसके बाद जब पुजारी द्वारा इन्हें कोरा कागज़ चढ़ाया जाता है, तब वो उस सवाल का जवाब कागज़ पर सिंदुर के जरिए लिखकर देते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं आसपास के लोगों की तो इस मंदिर में काफी ज्यादा आस्था है, लेकिन अब शहर के बाहर से भी सैकड़ों लोग आकर हनुमान जी के सामने अपना सवाल रखते हैं। जिसका जवाब उन्हें स्वंय हनुमान जी देते हैं। ऐसा केवल सप्ताह के दो दिन ही होता है जबकि मंदिर में हर दिन पुजा- पाठ किया जाता है। मंदिर की ऐसी शक्तियों के बाद अब लोग धीरे- धीरे आकर्षित हो रहे हैं। पहले की संख्या में भक्तों में काफी वृद्धि हुई है।
नदी से निकाली गई थी मूर्ति

कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को चंबल नदी से सालों पूर्व निकाला गया था। जिसके बाद हिंदू रीति-रिवाज से मूर्ति को मंदिर में स्थापित की गई। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूजा- पाठ शुरू हुआ। धीरे-धीरे आसपास के लोगों को मंदिर की शक्तियों का आभास हुआ। चर्चाएं फैलती गई। लोगों के बीच इस मंदिर के प्रति आस्थाएं मजबूत होती रही। शुरुआत में यह केवल आसपास के लोगों के बीच ही लोकप्रिय था, लेकिन अब यहां अन्य शहरों के भी लोग आने लगे हैं।
नोट: लोगों की भक्ति और श्रद्धा के आधार पर इस खबर को बनाया गया है। पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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