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ज्ञापन में छात्रो का कहना था की लम्बे समय से महाविद्यालय में रिक्त पडे व्यख्याताओ के पदों को तो सरकार द्वारा भरा नही जा रहा है उसकी बजाए ऐसे छात्रो के अधिकारों के उपर तानाशाही करते हुए उनसे उनके स्वंतंत्रता के अधिकार छीने जा रहे है। गरीब बच्चो के उपर ड्रेस के खर्च का और भार डालने की तैयारी कि जा रही है। छात्रो ने कहा की इस निर्णय को हम सरासर नकारते है और इसे वापस लिया जाना चाहिए इसका कोई औचित्य नही बनता है। पहले सरकार छात्रों की मुलभुत जरूरत जैसे शिक्षको की कमी आदि विभिन्न समस्याएं को दूर करें और अपनी तनाशाह नीति को जबरन छात्रों पर थोपना बंद करे। अगर इस निर्णय को जल्द वापस नही लिया गया तो छात्र इसके खिलाफ उग्र अदांलन करेगें। वर्तमान में चल रही परीक्षाओं का बहिष्कार करेगे और छात्रों के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड की समस्त जिम्मेदारी इस छात्र विरोधी सरकार की होगी।
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इस प्रदर्शन मे मुख्य रूप से चेतन यादव, अक्षय गौतम, सचिंत नाटानी, नितेश जौहार, भव्य पोरवाल, राहुल कुमार, अजय नोटियाल, रजत वैष्णव, अकिंत यादव आदि छात्र मौजुद थे।