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पुराने एयरपोर्ट पर साकार होगा ‘स्मार्ट कोटा’, आकार लेंगे मल्टी-मॉल, होटल-मोटल

कोटा का मौजूदा एयरपोर्ट, इसकी जमीन एएसआई केडीए के माध्यम से बेचेगा

कोटाJul 22, 2024 / 12:28 pm

Ranjeet singh solanki

कोटा का मौजूदा एयरपोर्ट, इसकी जमीन एएसआई केडीए के माध्यम से बेचेगा

केडीए की होगी अहम भूमिका : प्राइम लोकेशन की बेशकीमती जमीन पर सबकी निगाह
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर हुए एमओयू के बाद मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन बेचने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। एमओयू के अनुसार, एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन बेचेगी। राज्य सरकार की सभी एजेंसियां विशेष तौर पर केडीए, एएआई को मास्टर प्लान के अनुसार जमीन के किसी भी रूप में इस्तेमाल के लिए मंजूरी देगी। इस जमीन पर केडीए ढांचागत विकास और मूलभूत सुविधाएं विकसित करेगा। इसके लिए एएआई केडीए को आवश्यक शुल्क अदा करेगा। यह जमीन शहर के हृदय स्थल पर है। ‘नया कोटा’ के बाद इस प्राइम लोकेशन पर मॉडर्न और हाई-फाई स्मार्ट कोटा विकसित करने की योजना बनने लगी है। जानकारों का कहना है कि यहां मल्टी, मॉल, होटल-मोटल के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित हो सकती है।
हमारी जमीन से दूसरे शहरों में बनेंगे एयरपोर्ट

इस बेशकीमती जमीन से मिलने वाली बड़ी राशि से न केवल नए एयरपोर्ट का निर्माण होगा, बल्कि दो दशक तक इसके परिचालन में भी कोई बाधा नहीं आएगी। इतना ही नहीं, इसके बाद भी एएआई के पास इतना फंड होगा कि वह इससे प्रदेश के अन्य शहरों में नए एयरपोर्ट का निर्माण करवा सकता है।
बड़ी चुनौती…47.625 एकड़ पर अतिक्रमण

एमओयू में मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन बेचकर ही नया एयरपोर्ट बनाने का प्रावधान है, लेकिन इस जमीन के बड़े हिस्से पर अतिक्रमण है। ऐसे में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को सबसे पहले अतिक्रमण की इस चुनौती से पार पाना होगा। इस जमीन पर बस्ती भी बस गई है। कुल 447.075 एकड़ भूमि में से 47.625 पर अतिक्रमण है और 14 एकड़ यूआईटी (अब केडीए) की खातेदारी में है।
दो दशक से एयरपोर्ट बना हुआ हवाई पट्टी, खर्च हो गए करोड़ों

करीब दो दशक से मौजूदा एयरपोर्ट बंद पड़ा है। यहां से नियमित हवाई सेवा नहीं होने के कारण यह महज हवाई पट्टी की तरह उपयोग हो रहा है। जबकि एयरपोर्ट के कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन पर करीब पचास लाख रुपए सालाना खर्च हो रहे हैं और मेंटेनेंस पर भी करीब एक करोड़ व्यय हो रहे हैं। यहां केवल वीआईपी हैलीकॉप्टर व एयर एम्बुलैंस की लैंडिंग हो रही है।
पिछली सरकार ने दिखाया था मिनी सचिवालय बनाने का सपना

पिछली कांग्रेस सरकार ने मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन के 10 फीसदी हिस्से पर मिनी सचिवालय बनाने का प्लान बनाया था। शेष जमीन पर एक और ऑक्सी जोन विकसित करने की बात कही थी।
इधर धारीवाल बोले…जमीन बेचकर एयरपोर्ट बनाना कोटा की जनता के साथ अन्याय

कोटा उत्तर के विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन बेचकर नया एयरपोर्ट बनाना उचित नहीं है। यह कोटा की जनता के साथ अन्याय है। धारीवाल ने कहा, हमारी सरकार ने 2022 में ही ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी को निशुल्क जमीन दे दी थी। वन विभाग व अन्य मद की जो राशि जमा करवानी थी, उसका भी बड़ा हिस्सा हमने जमा करवा दिया था। केन्द्र सरकार एयरपोर्ट बनाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए तक नहीं दे पाई, यह सोचनीय विषय है। जो एमओयू हुआ, वह सिर्फ जमीन बेचने का हुआ है। एमओयू में साफ लिखा है कि जमीन बेचकर नया एयरपोर्ट बनाने के लिए फण्ड जुटाएंगे। इसमें केवल मल्टीस्टोरी, मॉल व पक्के निर्माण होंगे। हम शुरू से ही कह रहे थे कि केन्द्र सरकार मौजूदा एयरपोर्ट की जमीन बेचकर नया एयरपोर्ट बनाना चाहती है। यह अब एमओयू में साबित भी हो गया है।

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