रामदेवरा जाने वालों में शामिल पांची बाई की बेटी साक्षी तो रो-रो कर ही बेहोश हो गई, जिसे अन्य परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया है। दुर्घटना में घायल और मृतकों के परिवार के लोगों को विश्वास नहीं हो पा रहा था कि उनके रिश्तेदार अब इस दुनिया में नहीं रहे। अभी जीवन में बहुत कुछ देखना बाकी था, पर शायद नियति को यही मंजूर था। रामदेवरा गए यह लोग आपस में रिश्तेदार भी है।उन्हें नही पता था कि उनके परिवार की खुशहाली ही इस यात्रा से चली जाएगी।
तीर्थ यात्रा बन गई मौत की यात्रा कोटा के कोटड़ी इलाके में भोई मोहल्ला के रहने वाले कश्यप परिवार के 14 लोग शनिवार रात टवेरा गाड़ी से रामदेवरा दर्शन के लिए निकले थे। रात में करीब 2 बजे नेशनल हाईवे पर सामरिया के निकट गलत दिशा से आ रहे ट्रेलर से इन लोगों की कार को बुरी तरह कुचल दिया। टक्कर इतनी तेज थी कि चालक का शव गाड़ी में ही फंस गया था। बाद में गाड़ी को काट कर चालक के शव को निकाला गया। राहगीरों ने जैसे-तैसे घायलों एवं मृतकों को बेगूं अस्पताल पहुंचाया। जहां से आशा कश्यप (30), नवीन कश्यप (7), कमलेशदेवी (35) तथा जीतू (42) पुत्र देवीलाल कलाल को चित्तौड़गढ़ रैफर कर दिया गया।
कोटा में मचा कोहराम चित्तौड़गढ़ जिले में हुई सड़क दुर्घटना की खबर जैसे ही
कोटा के भोई मोहल्ले में रह रहे परिजनों को लगी तो पूरे इलाके में कोहराम मच गया। दुर्घटना के कई घंटों बाद भी परिजनों को यह जानकारी नहीं हो सकी कि परिवार के किस-किस सदस्य की मृत्यु हुई है। ऐसे में सभी के परिजन का बुरा हाल है। पूरे मोहल्ले से केवल चीख-पुकार की आवाज ही बाहर निकल रही है। यात्रा में शामिल पांची बाई की बेटी साक्षी तो रो-रो कर ही बेहोश हो गई, जिसे अन्य परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया है।
सभी लोग हैं आपस में रिश्तेदार गोदावरी देवी कश्यप ने बताया कि एक परिवार से सास बबली, बहू आशा, बेटी पिंकी, 4 साल का पोता लक्की यात्रा पर गया था। वही पिंकी के ताऊ की बेटी कोशल्या और उसका भतीजा सोनू बच गया था। इनकी रिश्तेदार वह पास के मकान में रहने वाली मंजू और कालीचरण भी घायल हुई है। वहीं दूसरे परिवार के पांची बाई, उसकी बेटी जया, 12 साल का दोहिता और जेठानी लक्ष्मी भी रामदेवरा के लिए निकले थे।