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कोटा में करीब 120 करोड़ की लागत से 71 एकड़ क्षेत्र में तैयार हो रहे इस पार्क के बीचों-बीच 1200 मीटर लंबी घुमावदार नहरें बनाई गई हैं। नहर से पार्क में बनाए गए 38 अलग-अलग तरह के मोन्यूमेंट्स देखे जा सकेंगे।
सिटी पार्क की नहरों में पानी सीधे चंबल नदी से लिफ्ट करके नहीं लाया गया है। नहरों के लिए अकेलगढ़ जल शोधन संयंत्र से पानी फिल्टर कर पार्क की टंकी में आएगा। जहां से इसे नहरों व पार्क के तालाब के काम लिया जाएगा। पानी शुद्ध बना रहे, इसके लिए यह नहरों व तालाब में झरनों के जरिए लगातार चलता रहेगा। इसके अलावा इस पानी से पार्क के पेड़-पौधों की सिंचाई की जा सकेगी। पेयजल जैसे शुद्ध पानी के नहरों व तालाब में रहने से गंदे पानी व पानी की सडांध से मुक्ति मिलेगी।
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पार्क के 72 फीसदी हिस्से में हरियाली
सिटी पार्क के 72 प्रतिशत हिस्से में ग्रीन एरिया विकसित किया गया है। शेष 16 फीसदी हिस्से में तालाब व आर्टिफिशियल कैनाल (नहर) बनाई है। 12 फीसदी हिस्से में तरह-तरह के मोन्यूमेंट्स व निर्माण कार्य किए गए हैं। यह पार्क ऑक्सीजन फैक्ट्री की तरह काम करेगा।