गली में खून, घर के बाहर भीड़ चाकू लगने के बाद गली में खून ही खून फैल गया। आरोपित जब भागा तो खून में सने पैरों के निशान जगह-जगह रह गए। घटना के बाद मृतका के घर लोगों की भीड़ जुट गई। परिचित परिजनों को ढाढस बंधाने लगे। मृतका की मौसी नजमा ने बताया कि इसी गली में उनका भी घर है। इशिका के चिल्लाने का शोर सुनकर उन्होंने देखा तो साबिर चाकू से वार कर रहा था। जैसे ही वे दौड़कर नीचे आई साबिर भाग गया। शाहीनूर के साथ कोचिंग में पढ़ने वाले शोएब अख्तर का कहना है कि उसने भी साबिर को चाकू मारते देखा। जब उसने शोर मचाया तो वह भाग गया। मामा फिरोज अहमद ने बताया कि शाहीनूर ने घर पर बताया था कि साबिर उसे बार बार फोन कर परेशान करता है। इस पर परिजनों ने साबिर को समझाने की भी कोशिश की थी कि वो बेटी से दूर रहे। परिजनों ने बदनामी से बचने के पुलिस को सूचना नहीं दी। मां शमीम बानो ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि साबिर ऐसा कदम उठाएगा।
खुद भी जान देना चाहता था साबिर एसपी अंशुमान भौमिया ने बताया कि साबिर ने शाहीनूर के आने-जाने के रास्ते की रैकी की थी। हत्या से पहले उसने शराब भी पी थी। उसके पास मिर्ची पाउडर, चाकू और जहर भी मिला। चाकू के वार से पहले उसने शाहीनूर की आंखों में मिर्च पाउडर डाला। इतना ही नहीं साबिर ने चाकू से खूद की दोनों हाथों की नसें काटकर जान देने का प्रयास किया। पूछताछ में साबिर ने जहर खा कर जान देने की भी बात स्वीकार की। वो चाकू कहां से लाया और हत्या की प्लानिंग कैसे की इसकी जांच की जा रही है।