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कोटा

सफेद चादर में लिपटे शव देख मासूम बोले, पापा उठो, मम्मी कुछ तो बोलो

गमगीन माहौल में एक ही जगह हुआ पांचों शवों का अंतिम संस्कार

कोटाJul 09, 2021 / 12:02 pm

Ranjeet singh solanki

सफेद चादर में लिपटे शव देख मासूम बोले, पापा उठो, मम्मी कुछ तो बोलो

सफेद चादर में लिपटे शव देख मासूम बोले, पापा उठो, मम्मी कुछ तो बोलो

झालावाड़. असनावर. दुर्गेश कभी अपने छोटे भाई बाबू को सीने से लगाता तो कभी सफेद चादर में लिपटी माता-पिता और भाई-बहनों की लाश के पास जाकर खड़ा हो जाता है। सफेद चादर में लाश देखकर दुर्गेश का भाई बाबू पूछता है कि मम्मी और पापा को सफेद चादर क्यों ओढ़ाई है। पापा बोलो…, मम्मी कुछ तो बोलो, मम्मी जल्दी उठो…, बाबू नहीं समझ रहा था कि अब उसके सिर से माता-पिता का हमेशा के लिए हाथ उठ गया है। वह अनाथ हो गया है। उसकी परवरिश करने वाला कोई नहीं है। दुर्गेश माता-पिता और भाई बहनों को खोने के कारण गम में गुमशुम था। वह कुछ नहीं बोल रहा था। हाथ में माता-पिता का आधार कार्ड लेकर अस्पताल के बाहर दीवार पर बैठा। यह दर्दनाक मंजर था गुरुवार सुबह एसआरजी अस्पताल के बाहर का। दर्दनाक हादसे को देखकर पुलिस के जवान भी विचलित हो उठे थे और वह दोनों मासूम बच्चों को ढांढस बंधा रहे थे। असनावर तहसील क्षेत्र की रुपारेल पंचायत में स्टेट हाइवे 89 तीनधार मंडावर सीसी सड़क के किनारे टापरी बनाकर रहने वाले परिवार को बुधवार देर रात को अनियंत्रित डंपर ने कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे ने एक ही पल में मजदूर परिवार को खत्म कर दिया है। इस हादसे ने दो मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का हाथ उठा लिया है। सोए हुए पांच लोगों पर डंपर चढ़ाने से मौके पर मांस के चिथड़े बिखरे पड़े हुए नजर आए। यह दंपती व बच्चे टापरी के बाहर तीन खाट पलंग पर सोए हुए थे। थानाधिकारी मुरलीधर ने बताया कि घाटोली निवासी हाल घोड़ाखाल के समीप सुरेश 44 पुत्र मोहनसिंह का परिवार बंटाई से कृषि कार्य व मजदूरी करता था। रात साढ़े बारह बजे तेज गति से आ रहे एक डंपर ने उसके परिवार को कुचल दिया। जिसमें सुरेश , उसकी पत्नी और तीन बच्चों की मौत हो गई थी। घटनास्थल पर देर रात को रुपारेल पंचायत के समाजसेवी हरिसिंह गुर्जर, सरपंच कमला बाई ने शवों को लोडिंग ऑटो में डलवाकर एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी के लिए रवाना करवाया। गुरुवार सुबह असनावर तहसीलदार गंगाराम गुर्जर, हल्का पटवारी जितेंद्र भारती, ग्राम विकास अधिकारी सुमित उपाध्याय ने मौका मुआयना कर मुख्यमंत्री सहायता कोश से राशि के परिपत्र तैयार किए। नेशनल हाइवे 52 पर तीनधार से दरा तक निर्माणाधीन सड़क के लिए मिट्टी डालने के काम में लगे हुए बड़े – बड़े डंपर दिन रात फर्राटे भरते रहते है। तीनधार के आसपास से यह डंपर दिन रात मिट्टी परिवहन का काम करते है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। डंपर के कुचलने से पांच जनों की मौत होने के बाद गुरुवार को तीनधार क्षेत्र में फोरलेन हाइवे निर्माण का काम बंद रहा। पुलिस ने देर रात को ही सभी शवों को लोडिंग ऑटो की सहायता से एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जहां गुरुवार सुबह मृतक की पहचान करने के बाद घाटोली में सुरेश का कोई परिजन नहीं होने से गांव बिंदलाई निवासी उसके ससुर प्रेमचंद को सभी शव सौंप दिए। अब सुरेश के परिवार में दो पुत्र दुर्गेश और बाबूलाल जीवित बचे है। गांव में पांचों की एक साथ गमगीन माहौल में अंतेष्टि की।

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