– प्रत्येक कोच के अंदर लगे दो एलसीडी से यात्रियों को यात्रा संबंधी जानकारी मिलती है, जैसे अगला स्टेशन, शेष दूरी, आगमन का अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा सम्बंधी संदेश प्रदर्शित होते हैं।
– प्रत्येक कोच में छह कैमरे लगे हैं, जो लाइव रिकॉर्डिंग करते हैं।
– दिन-रात दृष्टि क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे, कम रोशनी की स्थिति में भी चेहरे की पहचान, नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर लगाए गए हैं।
– कोचों में ऑटोमैटिक फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम हैं।
– पेंट्री और पावर कार में आग लगने का पता चलने पर स्वचालित अग्नि शमन प्रणाली कार्य शुरू कर देगी।
– चिकित्सा या सुरक्षा जैसी आपात स्थिति में टॉक बैक पर बात की जा सकती है।
– बेहतर टॉयलेट यूनिट: एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग, जेल कोटेड शेल्फ, नए डिजाइन का डस्टबिन, डोर लैच एक्टिवेटेड लाइट, एंगेजमेंट डिस्प्ले के साथ लगे हैं।
– बायो वैक्यूम शौचालय प्रणाली: बेहतर फ्लशिंग के कारण शौचालय में बेहतर स्वच्छता की स्थिति प्रदान करता है और प्रति फ्लश पानी भी बचाता है।
– एयर सस्पेंशन बोगियां: इन कोचों के यात्री आराम और सवारी की गुणवत्ता में सुधार के लिए बोगियों में एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाया गया है।
– संरक्षा में सुधार के लिए बेयरिंग, व्हील के लिए ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम
– बेहतर इंटीरियर: आग प्रतिरोधी सिलिकॉन फोम वाली सीटें और बर्थ यात्रियों को बेहतर आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
– खिड़की पर आसान सैनिटाइजेशन के लिए रोलर ब्लाइंड्स दिए गए हैं।
– अपर बर्थ पर चढऩे के लिए यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम।
तेजस टाइप स्लीपर कोच का निर्माण मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) में किया गया है, जो धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क की प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेनों की जगह ले लेंगे।
-सुमित ठाकुर, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम रेलवे