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Good News: लो आ गई बड़ी खुशखबरी, राजस्थान में बढ़ेगा ईआरसीपी का दायरा

PKC-ERCP Project : पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) की डीपीआर दोबारा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में प्रदेश के 21 जिलों के छोटे-बड़े बांधों के साथ तालाबों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है।

कोटाNov 01, 2024 / 10:11 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan PKC-ERCP Project ERCP DPR Process Preparing Begins Scope will Increase
PKC-ERCP Project : पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) की डीपीआर दोबारा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में प्रदेश के 21 जिलों के छोटे-बड़े बांधों के साथ तालाबों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है। कोटा-बूंदी जिले के डार्क जोन क्षेत्र को भी ईआरसीपी से जोड़ा जाएगा। केन्द्रीय जल आयोग को भेजी डीपीआर में जलस्रोतों का दायरा काफी बढ़ा दिया है। इसके लिए 600 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिजर्व रखा जाना प्रस्तावित है। ईआरसीपी के पहले बांध नौनेरा की इस मानसून में टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। इस बांध पर इंटकवैल बनाया जाएगा, जिससे जलापूर्ति की जाएगी। ईसरदा बांध तक पानी पहुंचाने के लिए कैनाल बनाई जाएगी। इसके लिए जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। पिछले दिनों प्रशासन ने जमीन अवाप्ति से पहले किसानों की आपत्तियां मांगी थी।

इंटकवैल का काम चल रहा

नौनेरा बांध का निर्माण 14 अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था। डेम पर अब तक 955 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जबकि परियोजना की लागत 1316 करोड़ की है। बांध का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जलदाय विभाग की ओर से इंटकवैल बनाया जा रहा है। बांध की क्षमता 226 मिलियन क्यूबिक मीटर है।
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बीसलपुर-ईसरदा तक जाएगा पानी

पीकेसी-ईआरसीपी का पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नौनेरा बांध से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी जाएगा। रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पंपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही, 2.6 किलोमीटर लंबी टनल भी तैयार की जाएगी, जो 12 मीटर चौड़ी होगी। इसकी लागत करीब 9600 करोड़ रुपए आंकी गई है। बांध से बांध को जोड़ने के लिए जिस रूट से नदी, नहर गुजरेगी, उस रूट पर कृषि का दायरा बढ़ेगा। औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने की स्थितियां बनेंगी, क्योंकि कई उद्योगों को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। इससे इलाके का इकोनॉमिक डवलपमेंट भी होगा।

3112 हेक्टेयर में डैम और कैचमेंट एरिया

बांध के निर्माण के दौरान 148.15 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा गया है, इस डेम और इसका कैचमेंट एरिया 3112 हेक्टेयर में है, जिसमें 656 हेक्टेयर वन भूमि थी, वहीं, 495 हेक्टेयर निजी भूमि थी। इनका अधिग्रहण किया गया है, इसके लिए 148.15 करोड़ की राशि बतौर मुआवजा दी गई है, जबकि वन भूमि के लिए 118 करोड़ रुपए दिए गए।

नैनेरा बांध की टेस्टिंग शुरू

नैनेरा बांध की टेस्टिंग शुरू हो गई है। स्काडा सिस्टम से जुडा हुआ है। अब बांध के अन्य जरूरी कार्य पूरे किए जा रहे हैं। अगले मानसून में बांध पूरा भरा जाएगा।
अनिल यादव, अधिशासी अभियंता, नौनेरा बांध, वृत्त जल संसाधन विभाग

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