अदालत ने यह आदेश एडवोकेट लोकेश सैनी की ओर से पेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। लोकेश ने 2 मार्च 2017 को संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, नगर निगम आयुक्त व महापौर के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की थी। इसमें कहा था कि शहर में स्थित पेट्रोल पम्पों पर नियमों की पालना नहीं की जा रही है। पम्प पर कार्यरत कर्मचारी ही मोबाइल पर बात करते समय वाहनों में पेट्रोल भर रहे हैं।
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अधिकतर पेट्रोल पम्प शहर में घनी आबादी के बीच हैं। ऐसे में छोटी सी लापरवाही से भी बड़ा हादसा हो सकता है। पेट्रोल पम्पों के ऊपर से बिजली की लाइनें गुजर रही हैं। अधिकतर जगहों पर आग बुझाने के इंतजाम नहीं हैं। सीसीटीवी कैमरे तक लगे हुए नहीं हैं।
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अदालत ने सभी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। सभी ने अपने जवाब में कहा कि पेट्रोल पम्पों पर सुरक्षा के इंतजाम हैं। जिला रसद अधिकारी व मुख्य अग्निशमन अधिकारी से भी एनओसी ली जाती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आदेश दिए कि पेट्रोल भरते समय सेल्समैन न तो मोबाइल पर बात करेंगे, न ही बीडी सिगरेट का उपयोग करेंगे।