कोटा के शाही दशहरे मेले की 10 कहानियांः लाखों आंखों में सजता है करोड़ों का मेला
बारां निवासी डेंगू पीडि़त अनिल ओझा पिछले चार दिन से दादाबाड़ी स्थित निजी चिकित्सालय में भर्ती हैं। उनकी प्लेटलेट्स शनिवार को 8000 रह गई। ऐसे में अनिल की जान बचाने के लिए एसडीपी चढ़ाना बेहद जरूरी हो गया। कोटा में किसी से जान पहचान न होने और बेटे की हालत लगातार खराब होने परेशान मां ने अस्पताल में मौजूद व्यक्तियों से गुहार लगाई। वहां बात न बन पाई तो वे सड़क पर उतर आई और राहगीरों से मदद मांगने लगी। इसके बाद उनके कदम दशहरा मेला स्थल की ओर बढऩे लगे।
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दशहरा मेले ने बचाई जिंदगी बेटे की जिन्दगी की दुहाई दे रही अनिल की मां कोटा दशहरा मेले में आने वाले लोगों से मदद की गुहार करने लगी। इसी दौरान मेला स्थल पर युवक घनिष्ट जिंदल ने जब इस महिला की परेशानी सुनी तो तुरंत रक्तदाता जीवनदाता समूह के सुरेन्द्र अग्रवाल से संपर्क किया। घनिष्ट ने उनसे ‘एबी पॉजीटिव’ एसडीपी की मदद कराने को कहा। अग्रवाल ने अपने परिचित पीयूष अग्रवाल से संपर्क कर एसडीपी देने का आग्रह किया। इस पर पीयूष अस्पताल पहुंचे और एसडीपी देकर मदद की। इतना ही नहीं मेले में मौजूद तमाम लोग अनिल की मदद के लिए जुटने लगे।
कोटा के शाही दशहरे मेले की 10 कहानियांः छोटो छै…यो कोटो छै…दशहरे को शाही मेलो छै
राम-रावण ने लिया अंगदान का संकल्प रावण के शाही दहन के लिए देश दुनिया में विख्यात कोटा का दशहरा मेला लोगों की जान बचाने के लिए भी जाना जाता है। लोगों की मदद के लिए इस बार कोई और नहीं खुद ‘राम’, ‘लक्ष्मण’, ‘सीता’, ‘मेघनाद’, ‘रावण’ और ‘नारद मुनि’ तक मैदान में उतर आए। रामायण के पात्रों का किरदार निभा रहे इन कलाकारों ने शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों के साथ मिलकर अंगदान करने का संकल्प लिया। फाउंडेशन के डॉ. कुलवंत गौड़ ने बताया कि रामलीला में राम का अभिनय करने वाले वैभव, लक्ष्मण बने विरंची दाधीच, सीता बनी नेहा पांचाल और रावण का किरदार निभा रहे बृजराज गौतम समेत 22 कलाकारों ने अंगदान का संकल्प-पत्र भरकर संस्था का सौंप दिया है। अब इन्हें नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) नई दिल्ली को आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा।