पहले कैंसर को हराया और फिर परीक्षाएं दी…।’
नीट में 720 में से 715 अंक लाने वाले मौलिक पटेल यह बताते हुए थोड़े भावुक जरूर हुए, लेकिन चेहरे पर जीत की चमक भी साथ नजर आई। अब मौलिक कैंसर मरीजों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट बनना चाहता है। मौलिक का परिवार मुम्बई में घाटकोपर निवासी है। मौलिक ने यहां कोटा एलन में पढ़ाई की है।
सरकोमा सुन सन्न रह गए सब
मई 2022 में मौलिक के शरीर में बदलाव आने शुरू हो गए। कमजोरी महसूस करने लगा। यूरीनेशन के समय दर्द के अलावा बुखार भी रहने लगा। सोनोग्राफी एवं अन्य जांचों के बाद यूरीनेशन ब्लैडर के पास 10 सेंटीमीटर का एक ट्यूमर आया। सीटी स्कैन एवं बायोप्सी के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसे ‘सरकोमा’ है। जो एक तरह का कैंसर है। परिवार को झटका लगा। दो बार सर्जरी हुई, 12वीं की परीक्षा नहीं दे सका
मौलिक ने बताया कि उसकी जून 2022 में सर्जरी हुई। इसके बाद कीमोथैरेपी की शुरुआत हुई। रोजाना 3-4 घंटे लगते थे। कब्ज रहती थी, सिर के बाल तक उड़ गए थे। अक्टूबर 2022 तक कीमो के तीन सेशन हो चुके थे। इसके बाद फिर से चैकअप किया, जिसमें चार सेमी का ट्यूमर अब भी था। कीमोथैरेपी की डोज बदली, जो दिसंबर तक चली। इस दौरान अक्टूबर और नवंबर में कोचिंग के टेस्ट भी दिए थे। जनवरी में फिर जांच की तो ट्यूमर बढ़कर 16 सेमी का हो गया था। जनवरी 2023 में फिर से सर्जरी प्लान की। अब 12वीं की परीक्षा में प्रेक्टिकल देने का समय आ गया लेकिन स्थिति सही नहीं थी इसलिए मैंने 12वीं बोर्ड एवं नीट परीक्षा दोनों ही नहीं दी।
मौलिक बन गया मिसाल
दूसरी सर्जरी के बाद फरवरी में चैकअप किया तो अब भी ट्यूमर 10 सेमी का बचा हुआ था। कुल 31 रेडिएशन जुलाई 2023 तक हो चुके थे। नवंबर 2023 के दूसरे सप्ताह में फिर टेस्ट कराया तो साइज और ज्यादा छोटा हो गया था। दिसंबर 2023 तक दवाइयां बंद हो चुकी थी। इस पूरे इलाज के दौरान मैं रोजाना ऑनलाइन पढ़ाई करता था। हॉस्पिटल में कई बार तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता था लेकिन, जैसे-तैसे पढ़ाई नियमित करता रहता था। डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने कहा, हिम्मत से हर काम संभव है, यह मौलिक ने बता दिया। मौलिक देशभर के स्टूडेंट्स के लिए एक मिसाल है, जो लगातार जीतना सिखाता है।