20 से 25 किलो भोजन का करता है
बाघों की प्रकृति के जानकार पूर्व वन अधिकारी दौलतसिंह शक्तावत के अनुसार एक बाघ एक साल में 60 से 70 शिकार करता है। एक बार में नर बाघ 20 से 25 व मादा 10 से 15 किलो भोजन करती है। बाघ शिकार को पूरा खाने के बाद ही दूसरा शिकार करते हैं। कई बार एक बार में शिकार करने में सफल नहीं होते। कई बार शिकार 5 से 6 बार के प्रयास में शिकार हो पाता है।
600 वन्यजीवों की मौजूदगी जरूरी : बाघ को आराम से शिकार मिल सके इसके लिए 500 से 600 वन्यजीवों की क्षेत्र में मौजूदगी होनी चाहिए, ताकि उसे शिकार में आसानी रहे। इसे देखते हुए सांभर, चीतल, हिरन, नीलगाय समेत अन्य वन्यजीवों की मौजूदगी आवश्यक होती है। शक्तावत मानते हैं कि मुकुन्दरा में पिछले सालों में वन्यजीवों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यह पर्याप्त है। प्रेबेस बना रहे, इसके लिए जितने अधिक वन्यजीव होंगे, अच्छा रहेगा।
मुकुन्दरा हिल्स में वन्यजीवों की कमी नहीं है। जिस क्षेत्र में बाघिन ने शावक दिए हैं, वहां पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध है। इसलिए वन्यजीवों के आहार की कोई समस्या नहीं रहेगी। अब वन्यजीवों की संख्या का सर्वे किया है। जल्द रिपोर्ट आएगी।
टी मोहन राज, उप वन सरंक्षक, मुकुन्दरा हिल्स एवं टाइगर रिजर्व