कोटावासियों हो जाइए तैयार, आ रही जंगल की सरकार
पर्यटन के साथ बढ़ेगा रोजगार
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ आने के बाद हाड़ौती में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। इसके अलावा स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। आने वाले समय में हाड़ौती पूरे देश में पर्यटन सर्किल के रूप के उभरेगा और रोजगार के नए साधन सृजित होंगे।
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दुनिया का सबसे खूबसूरत है अपना टाइगर रिजर्व
सांसद ने कहा कि यह रिजर्व दुनिया के अन्य टाइगर रिजर्वों से कहीं अधिक खूबसूरत, बड़ा और समृद्ध है। यह पहला टाइगर रिजर्व है, जहां लोगों को जंगल और जल दोनों मार्गों की यात्रा का अवसर मिलेगा। उन्होंने वन अधिकारियों से बजट की जानकारी ली और बताया कि टाइगर रिजर्व के विकास में किसी भी तरह की कमी आड़े नहीं आएगी।
बिरला ने कहा कि हाडौती में बूंदी का किला, एतिहासिक इमारतें, कला संस्कृति, चित्रकारी, गागरोन का किला, किशोरसागर तालाब, पुरानी कलाकृतियों व मुंकुदरा नेशनल पार्क सहित विभिन्न दर्शनीय स्थल मौजूद हैं।
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हम तैयार हैं
उप वन संरक्षक एस.आर. यादव ने बताया कि मुकुन्दरा में शुरुआत में बाघ टी-91 को छोड़ा जाएगा। इसे इसी वर्ष छोड़ा जा सकता है। यह किसी कारणवश नहीं लाया जा सका तो रणथंभौर से बाघ लाकर छोड़ेंगे। यादव के साथ संजय शर्मा, नवनीत शर्मा व अन्य वन अधिकारी मौजूद रहे।
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बाघ और गांवों का विस्थापन
सांसद बिरला ने गांवों के विस्थापन को लेकर कहा कि ग्रामीणों को नाराज नहीं किया जाएगा। विस्थापित परिवारों को अधिकतम मुआवजा मिलेगा, ताकि वे नए सिरे से अपना जीवन-यापन कर सकें। सांसद के साथ भाजपा जिला महामंत्री जगदीश जिंदल, देहात भाजपा महामंत्री योगेन्द्र नंदवाना, युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल शर्मा, नागरिक सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष हेमराज सिंह हाड़ा, दिनेश जैन एवं वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
टाइगर रिजर्व के विकास के लिए 29 करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है, 8 करोड़ मिलना शेष है। इसके अलावा 130 करोड़ केंपा फंड से मिलेंगे। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यहां 800 से 1000 के करीब चीतल हैं। करीब 60 पैंथर, 50 से 60 भालू, 60 से 70 सांभर हैं। जंगली सूअर, नीलगाय व अन्य वन्यजीव भी काफी मात्रा में हैं।
रिजर्व के सेल्जर क्षेत्र में एक हैक्टेयर में बनाए गए एनक्लोजर का काम पूरा कर लिया है। इसके अलावा सावनभादो में 28 हैक्टेयर में एक अन्य एनक्लोजर बनाया जा रहा है। यह भी चार से पांच दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि बाघों को लाने के बाद नए वातावरण में ढलने तक इन्ही एनक्लोजरों में छोड़ा जाएगा। यहां से बाघों की गतिविधियों पर कुछ दिन नजर रखी जाएगी, जब वे यहां के वातावरण में पूरी तरह से ढल जाएंगे तो उन्हें खुला छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद ही पर्यटकों को विजिट की परमिशन दी जाएगी।