देवेन्द्र पर थी परिवार की जिम्मेदारी विधायक शर्मा ने पत्रिका को बताया कि जनसहयोग से बेटी के ब्याह में जितनी भी हो सकेगी, मदद करेंगे। साइलेंट अटैक के कारण जितेश की मौत हो गई थी। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर थी। राजस्थान पत्रिका में जितेश के परिवार की स्थिति को लेकर ‘दीपोत्सव पर बुझा कुलदीपक’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़ विधायक ने पत्रिका को बताया कि जनसहयोग से बेटी दीपा के विवाह में मदद करेंगे, वहीं देवेन्द्र की पत्नी कुसुम को सरकार की योजनाओं के अनुसार, जो भी सहायता मिलनी चाहिए, वे सभी दिलवाएंगे। परिवार का बीपीएल कार्ड नहीं है तो बनवाएंगे और प्रशासनिक स्तर पर भी जो मदद होगी दिलवाई जाएगी। गौरतलब है कि जितेश उर्फ देवेन्द्र की दीपावली के दिन सुबह अचानक साइलेंट अटैक के चलते मृत्यु हो गई थी। परिवार में वहीं इकलौता कमाने वाला था। देवेन्द्र की मृत्यु से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
घर का अकेला सहारा था उसकी एक बहन की आगामी नवम्बर में शादी तय हुई है। घटना और आर्थिक तंगी के चलते पूरा परिवार मुश्किल में है। बहन दीपा के अलावा दो मासूम बेटियां और बूढ़ी मां है, जिनकी सहारा अकेला देवेन्द्र ही था। देवेन्द्र के पिता की भी गत वर्ष मृत्यु हो चुकी है। वह जेके फैक्ट्री बंद होने के बाद से ही मुसीबतों में दिन गुुजार रहे थे। खुद देवेन्द्र ने पढ़ाई को छोड़कर बूढ़े माता-पिता का सहारा बना था। पालन करने की जिम्मेदारी उठाई थी।