href="https://www.patrika.com/kota-news/dj-song-on-women-hair-cut-incident-1-1711325/" target="_blank" rel="noopener">OMG! महिलाओं की चोटी कटने पर बन गया डीजे सॉग, सुनकर हो जाएंगे नाचने को मजबूर
सड़क पर उतर कर मांगी आजादी सड़क चलती महिलाओं का पीछा करना और उनसे छेड़छाड़ करने (स्टॉकिंग) की बढ़ती घटनाओं के विरोध में शनिवार को href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा में आधी आबादी ने अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया की यह एक कोशिश है जिसके द्वारा सड़कों पर महिलाओं की स्थिति सहज करने की कोशिश की जा रही है। हर घटना के बाद भारतीय समाज में सबसे पहले सवाल पूछा जाता हैं के वो बाहर सड़क या रास्ते में क्यो थी, क्या कर रही थी और उसने क्या कपडे पहने या वो किसके साथ थी ? इस नजरिए को बदलने की कोशिश इस कैम्पेन के जरिए कर रहे हैं।
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सारे दायरे लड़कियों के लिए ही क्यों मेरी रात मेरी सड़क कैम्पेन में शामिल रूचि गोयल ने कहा की समाज के लिए अभी तक ये एक टैबू है कि लड़की रात में बाहर क्यों जाती हैं। इस टैबू को तोड़ने की जरूरत है, लेकिन इसे सिर्फ तभी तोड़ा जा सकता हैं, जब महिलाएँ , लड़कियां ज्यादा से ज्यादा सड़कों पर आए और अपनी उपस्तिथि दर्ज़ कराएं। सीमा घोष ने कहा की समाज लड़कियों की जिंदगी में इस कदर दखल देता है कि वह खुद ही सारे दायरे और हदें तय कर देता है, लेकिन अब वक्त आ गया है कि समाज के लिए भी दायरा तय किया जाए कि किसे लड़कियों की जिंदगी में किस दायरे और कितनी हद तक दखल देना है।