घबराएं हुए है पत्थर उद्यमी
कोटा ?? स्टोन की चमक को मार्बल से खतरा रेलवे बोर्ड तक भी पहुंचाया मुद्दा पटना-कोटा-पटना एक्सप्रेस के शुरू हुई जब से ही नियमित घंटों विलम्ब से आने का मुद्दा पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के समक्ष भी रखा, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकाला। रूट बदलने का भी दिया सुझाव: इस ट्रेन का परिचालन समय पर करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने ट्रेन के रूट में परिवर्तन करते हुए मथुरा की जगह बयाना जंक्शन से ही आगरा की ओर डायवर्ट करने का सुझाव दिया, लेकिन रेलवे बोर्ड ने इसे स्वीकार नहीं किया।प्रतिभावान युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कर रही कोशिशें
तीन बड़े कारण लेटलतीफी के रैक का बदलना मथुरा और आगरा पर ट्रेन के रेक की दिशा बदलती है। दोनों स्टेशन पर ट्रेन ट्रैफिक हैवी है, ट्रेक की उपलब्धता नहीं हो पाती, घंटों में इंजन बदलता है। यही वजह है ट्रेन पहले दिन से पांच से छह घंटे देरी से चल रही है। ट्रेक रिपेयरिंग ब्लॉक्स: कुछ माह पहले हुए बड़े हादसों के बाद रेलवे का फोकस सेफ्टी पर है। उत्तरी मध्य रेलवे में जगह-जगह ट्रेक मरम्मत ब्लॉक लिए जा रहे। एक ही ब्लॉक में तीन से चार घंटे ट्रेन विलम्ब हो जाती है। दो माह से यह 10 से 20 घंटे तक लेट हुई। जो पिटती है, वो पिटती रहती ट्रेक पर जब कोई ट्रेन पिट (लेट) जाती है तो प्राय: अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों को वक्त पर निकाला जाता है। एेसे में लेटलतीफ टे्रन पिटती चली जाती है। इस ट्रेन की भी यह नियति बन गई है।पीएम मोदी ने रखा गांवों को डिजिटल युग से जोड़ने का लक्ष्य, कोटा से 10 हजार लोग हुए साक्षर
आज ही पत्र लिखा है कोटा के सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश ने कहा कि पटना एक्सप्रेस कोटा मंडल में लेट नहीं होती। मथुरा और आगरा में रेक में इंजन की दिशा बदलने के कारण समय लगता है। अभी ब्लॉक्स से लेट है।इस पर कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला ने कहा कि पटना-कोटा-पटना एक्सप्रेस के लेटलतीफ चलने के मसले को लेकर सोमवार को ही रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। इस ट्रेन की आगमन और प्रस्थान के समय की हिस्ट्री रिपोर्ट भी मांगी है। समाधान के लिए बोर्ड के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।