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हाईकोर्ट के आदेश पर संशोधन
न्यास अध्यक्ष आरके मेहता का कहना है कि राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया, उसकी अनुपालना में फिर से ड्राफ्ट में संशोधन किया गया।
इसके अलावा 4 अगस्त 2014 को कैथून के लिए लागू मास्टर प्लान 2023 को और कोटा के लिए प्रभावी मास्टर प्लान 2023 को यथावत रखा गया है। ये दोनों मास्टर प्लान पहले की तरह लागू रहेंगे।
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ये हैं सबसे बड़े बदलावदो नए ग्रोथ सेंटर होंगे
परिधि नियंत्रण क्षेत्र का दायरा बढ़ाते हुए 2031 का मास्टर प्लान लागू किया है। इसमें शंभुपुरा और रानपुर प्रमुख नए ग्रोथ सेन्टर होंगे। हवाई अड्डे के लिए 750 एकड़ भूमि का प्रावधान रखा गया है।
संशोधन से पहले पुराने मास्टर प्लान ड्राफ्ट में गैर आवासीय क्षेत्र में बने निर्माणों को आवासीय क्षेत्र में बदलने का प्रस्ताव था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे पुरानी स्थिति में यथावत रखा गया है।
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नए मास्टर प्लान के साथ आगे बढ़ेगा कोटा, 115 गांव होंगे शामिल
नगर नियोजन विभाग ने बुधवार को कोटा के तीसरे मास्टर प्लान 2031 का संशोधित प्रारूप स्वीकृत करते हुए इसे लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। मास्टर प्लान की योजना में कुल 115 गांवों को शामिल किया गया है। इससे पहले 2001 में वर्ष 2023 के लिए बनाए गए मास्टर प्लान में 64 गांव शामिल किए गए थे। बाद में 2010 में अधिसूचना जारी कर 33 गांव और शामिल किए गए।
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रानपुर ग्रोथ सेन्टर
रानपुर को रोजगारोन्मुखी नियोजित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां वाणिज्यिक, भण्डारण, गोदाम, सेटेलाइट अस्पताल, बस अड्डा, ट्रक टर्मिनल, सामुदायिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सभी के लिए करीब 6 हजार 272 एकड़ भूमि उपलब्ध होगी। यहां आवासीय क्षेत्र केवल 22.76 प्रतिशत ही रहेगा। इसके लिए 1 हजार 490 एकड़ भूमि उपलब्ध है।
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शंभुपुरा ग्रोथ सेन्टरशंभुपुरा ग्रोथ सेन्टर को 4 हजार 835 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इसमें आवासीय क्षेत्र 28.23 प्रतिशत होगा, आवासीय क्षेत्र के लिए 1310 एकड़, व्यावसायिक के लिए 315 एकड़, औद्योगिक के लिए 78 एकड़, सरकारी-अद्र्ध सरकारी के लिए 49 एकड़, मनोरंजन के लिए 330 एकड़, सार्वजनिक एवं अद्र्धसार्वजनिक क्षेत्र 318 एकड़, हाईवे एवं अन्य विकसित क्षेत्र 980 एकड़, परिसंचरण क्षेत्र 1260 एकड़ होगा। जलाशय के लिए 195 एकड़ भूमि उपलब्ध होगी। इस क्षेत्र में आवासन मंडल द्वारा भी आवासीय योजना विकसित किए जाना प्रस्तावित है।
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एक्सपर्ट व्यू : जरूरत नहीं, कुछ लोगों के निजी स्वार्थ की पूर्ति होगी
सेवानिवृत वरिष्ठ नगर नियोजक एस. एन. गुप्ता का कहना है कि कोटा शहर का 2023 तक का मास्टर प्लान बना है। अभी इसकी अवधि पूरी होने में छह साल एक माह शेष है। अवधि पूरी होने के बाद नया मास्टर प्लान लागू किया जाना चाहिए। सरकार को नया मास्टर प्लान लागू करने की क्या जल्दी है। हर पांच साल में मास्टर प्लान की समीक्षा कर जरूरत के हिसाब से संशोधन किया जा सकता है। नए मास्टर प्लान की जरूरत नहीं है। यह केवल कुछ लोगों के निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। नए मास्टर प्लान में अपने चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए लैण्ड यूज चेंज करवा सकेंगे। नए मास्टर प्लान में आस-पास की जमीनों का अपने स्वार्थ के हिसाब से भू रूपांतरण करवा सकेंगे।
76,490 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगा नगरीयकरण के लिए
66,230 विकसित क्षेत्र प्रस्तावित किया गया
30,340 के करीब आवासी योजनाओं के लिए प्रस्तावित
465 एकड़ भूमि कार्यालयों के लिए प्रस्तावित
140 एकड़ भूमि फ्लाईएश आधारित उद्योगों के लिए प्रस्तावित