कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए शंभूपुरा में भूमि चिन्हित की गई थी। वन भूमि होने के कारण एयरपोर्ट निर्माण के लिए इसका डायवर्जन करवाया जाना आवश्यक था। इसके अलावा इस भूमि से पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन की लाइन को भी शिफ्ट किया जाना है। इन सब के लिए राज्य सरकार को कुल 127.47 करोड़ रुपए जमा करवाने थे, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने महज 21.13 करोड़ रुपए ही जमा करवाए। बकाया राशि जमा कराने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दो दर्जन से अधिक स्मरण पत्र भेजे थे। एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हस्तांतरित नहीं होने के कारण अटक गई।
पीएम मोदी ने दी थी एयरपोर्ट की गारंटी
विधानसभा चुनाव के दौरान भी कोटा में एयरपोर्ट निर्माण का मुद्दा काफी गरमाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोटा में चुनावी सभा में एयरपोर्ट बनाने की गारंटी दी थी। कहा कि चुनाव के बाद भाजपा सरकार बकाया राशि जमा करवाएगी और कोटा में एयरपोर्ट बनेगा।
ऐसे पकड़ेगा गति
राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया गति पकड़ने लगी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुख्य सचिव को भूमि के डायवर्जन के लिए बकाया 39 करोड़ रुपए जमा करवाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने जिला कलक्टर को तत्काल राशि जमा करवाने को कहा है। यह राशि जमा होने के बाद जमीन एयरपोर्ट ऑथोरिटी के नाम दर्ज होगी। इसके बाद केन्द्र सरकार इसका काम शुरू करेगी। निर्माण के संबंध में अन्य प्रक्रिया पूरी की जा रही है।