href="https://www.patrika.com/kota-news/these-vegetables-will-get-sick-1-1706653/" target="_blank" rel="noopener"> तंदरुस्ती छीन कर बीमार बना देंगी ये सब्जियां
कहीं नहीं देखी ऐसी दुर्गति हरियाणा से आ रहे ट्रक ड्राइवर हरविंदर से कसार गांव में बात हुई। बोला, ‘मैं कई हाइवे पर गया हूं और कई जगह हाइवे टूटे हुए भी हैं। मगर ऐसी दुर्गति तो कहीं नहीं है।’ href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा में अपने बेटे से मिलने के लिए इंदौर से आ रहे एमएस सलूजा ने बताया, ‘मुझे पता होता कि राजस्थान के रोड ऐसे हैं तो कभी नहीं आता। इंदौर से href="https://www.patrika.com/topic/jaipur/" target="_blank" rel="noopener">जयपुर की फ्लाइट लेकर या ट्रेन से href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा आ जाता। इस सड़क पर तो समय, शरीर और गाड़ी सभी का नुकसान हो रहा है।’
सपना तो बड़ा दिखाया इस सड़क के बारे में सबसे पहले 14 जनवरी 2015 को पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान ने झालावाड़ में बड़ा ख्वाब दिखाते हुए कहा था कि ‘इस मार्ग के बनने के बाद
कोटा और झालावाड़ के बीच का फासला बेहद कम समय में पूरा हो जाएगा।’ लेकिन, ढ़ाई साल बाद भी उनके दावे खोखले ही साबित हुए। इतना ही नहीं सड़क का कांट्रेक्ट अहमदाबाद की कंपनी मोंटी कॉर्लो को दिया गया है। कांट्रेक्ट में शर्त है कि जब तक पूरा मार्ग नहीं बन जाता, मौजूदा सड़क को वाहन चलाने के योग्य बनाने रखने की जिम्मेदारी कंपनी की रहेगी। मगर हालात बता रहे हैं कि कंपनी ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
11.64 करोड़ में बन रही एक किमी सड़ककोटा से दरा के बीच की 34 किमी सड़क का ठेका 396 करोड़ में दिया गया है, यानी एक किमी पर 11.64 करोड़ खर्च हो रहे हैं। इस सड़क को फोरलेन बनाया जाना है। इसमें 57 पुलियाएं, 10 माइनर ब्रिज, एक मेजर ब्रिज और 8 अंडर पास बनाए जाने हैं। पत्रिका के सवालों पर पीडब्ल्यूडी के एनएच खंड के सुप्रीडेंट इंजीनियर लोकेश विजय ने यह कहा कि बारिश के कारण सड़क की बुरी स्थिति हो गई है। अगस्त-अगस्त तक परेशानी रहेगी। इसके बाद हालात सुधर जाएगी। सड़क को दुरस्त करवाकर इसे वाहन निकलने योग्य बनाएंगे। रास्ता ठीक रखना निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी है।
और ये साहब बोले-दिखवाता हूं निर्माण कंपनी मोंटी कॉर्लो के जीएम दीपक प्रधान ने कहा कि बारिश के कारण रिपेयरिंग का काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पहले ठीक कर दी थी सड़क, पर खराब ड्रेनेज सिस्टम के कारण फिर से टूट गई। कल से चार यूनिट लगाकर सड़क को तेजी से ठीक करेंगे। अलनिया, मंडाना, पदमपुरा, काल्याखेड़ी पर रोड बन चुका है, उसे भी जल्दी ही खोलेंगे। वहीं पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि मुझे आपने सड़क टूटने की जानकारी दी है। मैं अभी इसे दिखवाता हूं। सड़क को ठीक करवाएंगे।
ऐसे निकाली गड्ढों की अनुमानित संख्या तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से सड़क के गड्ढों की अनुमानित संख्या निकाली गई। इस सड़क की लंबाई 34 किलोमीटर यानी 111549 फीट हुई। वहीं सड़क की चौड़ाई 10 मीटर यानी 32 फीट (औसतन क्योंकि कहीं चौड़ाई 7 मीटर है तो कहीं 14 मीटर) हुई। वहीं पांच फीट लंबाई में 30 गड्ढे (औसतन क्योंकि कहीं 50 गड्ढे हैं तो कहीं 10-15 ही) मिले। इस हिसाब से कुल 669300 गड्ढे मिले।