छात्राएं एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए कॉलेज में पहुंची। यहां वे प्राचार्या कक्ष में गई जहां हिना प्राचार्या की खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गई। कुर्सी पर बैठकर हिना ने कहा कि कॉलेज में फैकल्टी नहीं होने से छात्राओं की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छात्राओं ने कहा कि अगर सरकार को प्राचार्य व फेकल्टी नहीं देनी थी, तो कॉलेज खोला ही क्यों? छात्राओं ने चेतावनी दी है कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो अब शहर की सड़कों पर प्रदर्शन किया जाएगा।
कॉलेज के विघटन से बढ़ी समस्याकॉलेज में प्राचार्या की कुर्सी एक महीने से खाली पड़ी है। उपप्राचार्या नहीं है। कॉलेज में पिछले चार साल से ड्राईंग सब्जेक्ट की स्थाई फैकल्टी नहीं है। सालभर प्रेक्टिल नहीं होने से छात्राओं को परीक्षा में नुकसान उठाना पड़ता है। कॉलेज विघटन के बाद समस्याएं और जटिल हो गई है।
राजस्थान पत्रिका ने भी चेताया था जेडीबी कॉलेज के विघटन के बाद कॉलेज में खाली पदों से प्रभावित पढ़ाई को लेकर राजस्थान पत्रिका ने 11 नवम्बर को ‘कॉलेजों में बंटवारे से पढ़ाई प्रभावित’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि कॉलेजों में बंटवारे के बाद व्याख्याताओं के खाली पद होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।