पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि 22 अप्रेल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि राजरानी टावर आईटी पार्क के पास कुछ संदिग्ध लोग घूम रहे हैं। ये पेपर लीक गिरोह के सदस्य हो सकते हैं। तस्दीक की तो मौके पर एक कार खड़ी दिखाई दी। कार में छह लोग बैठे थे। सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि ये लोग ‘इण्डियन कोस्टगार्ड के पेपर सीजीईपीटी-02/2024’ भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने के लिए कोटा आए हैं।
इनके मोबाइल चैक किए तो उक्त परीक्षा के एडमिट कार्ड, परीक्षा के प्रश्न पत्र सामग्री पाई गई। थानाधिकारी सतीशचंद मय टीम ने आरोपियों को डिटेन किया। आरोपियों के विरुद्ध राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया। मामले की जांच एएसपी (महिला अनुसंधान सेल कोटा शहर) नियति शर्मा को सौंपी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का भी गठन किया गया है।
कम्प्यूटर हैक कर प्रश्न पत्र किए हल
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे परीक्षा केन्द्र पर बैठे अभ्यर्थी के कम्प्यूटर को हैक करके उसके प्रश्न पत्र को हल करते हैं। कम्प्यूटर हैक करने के लिए रिमोट एक्सेस एप रीयल वीएनसी व्यूअर तथा एनीडेस्क एप का उपयोग करते हैं। पुलिस ने राजीव गांधी कम्प्यूटर साक्षरता मिशन राजरानी टावर की लैब खुलवाकर साइबर सिक्योरिटी एनालाईसिस्ट से वहां के कम्प्यूटर चेक करवाए। साइबर सिक्योरिटी एनालाईसिस्ट ने बताया कि उक्त कम्प्यूटर सिस्टम्स का उपयोग रिमोट एक्सेस एप रीयल वीएनसी तथा एनीडेस्क एप के माध्यम से अन्य परीक्षा केन्द्रों पर उपस्थित अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर सिस्टम को हैक कर पेपर सॉल्व करने के लिए किया गया है। पुलिस ने कम्प्यूटर लैब को सील कर दिया है।
आरोपी 10 से 15 लाख रुपए में करते हैं सौदा
आरोपियों ने बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी से पेपर सॉल्व लीक करने की एवज में 10 से 15 लाख रुपए में सौदा करते हैं। आरोपियों से मोबाइल व कार जब्त की गई है।
ये आरोपी पांच दिन के रिमांड पर
थानाधिकारी सतीश चन्द ने बताया कि इस मामले में आरोपी अशोक जाट (38 ) निवासी बांगड़वा थाना हम्मीरवास राजगढ़ चूरू, संदीप बुडालिया (29) निवासी बरालू थाना लोहारु जिला भिवानी हरियाणा और झुंझुनूं निवासी प्रतीक गजराज (24) , रणवीर सिंह (32), अशोक यादव (29), राहुल जाखड़ (21) को सोमवार को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से 5 दिन रिमांड पर लिया गया है।