scriptआइआइटी में न्यू ट्रेंड, आई नई ब्रांचेज, जानें फ्यूजन इंजीनियरिंग क्या है? | IIT New Trend New Branches have Come know what is Fusion Engineering | Patrika News
कोटा

आइआइटी में न्यू ट्रेंड, आई नई ब्रांचेज, जानें फ्यूजन इंजीनियरिंग क्या है?

Fusion Engineering : फ्यूजन इंजीनियरिंग क्या है?। देश की कई आइआइटी के ट्रेंड में नई ब्रांचेज आई हैं। आइआइटी में मेडिकल का फ्यूजन किया गया है। अब ‘मेडिको टेक्नोक्रेट’ तैयार हो रहे हैं। आइआइटी जोधपुर, मद्रास, बीएचयू, रुड़की, तथा हैदराबाद जैसे संस्थानों ने फ्यूजन इंजीनियरिंग की शुरुआत की है। जानें पूरा मामला।

कोटाSep 26, 2024 / 12:28 pm

Sanjay Kumar Srivastava

IIT New Trend New Branches have Come know what is Fusion Engineering

File Photo

आशीष जोशी
Fusion Engineering : मेडिकल फील्ड में बढ़ते तकनीक के इस्तेमाल से अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) ने भी अपनी ब्रांचों में बदलाव तेज कर दिया है। अब इंजीनियरिंग में मेडिकल के फ्यूजन का नवाचार किया गया है। ताकि चिकित्सा जगत की डिमांड के अनुरूप आइआइटी में नई विधा के टेक्नोक्रेट्स तैयार हो सके। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए आइआइटी जोधपुर, आइआइटी मद्रास, आइआइटी बीएचयू, आइआइटी रुड़की, तथा आइआइटी हैदराबाद जैसे संस्थानों ने फ्यूजन इंजीनियरिंग की शुरुआत की है। इस बार बायोलॉजिकल-इंजीनियरिंग, बायो-इंजीनियरिंग, बायोमेडिकल -इंजीनियरिंग, बायोसाइंसेज एन्ड बायो इंजीनियरिंग तथा फार्मास्यूटिकल-इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचों की तरफ युवाओं का रुझान देखा गया है।

जोधपुर : ब्रेन कम्प्यूटर एंड नेटवर्क से लेकर टिश्यू इंजीनियरिंग तक

आइआइटी जोधपुर में बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग डिपार्टमेंट है। इसमें बीटेक, एमटेक, एमटेक-पीएचडी (डुऐल डिग्री) और पीएचडी करवाई जा रही है। यहां हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और पर्यावरण के क्षेत्र में नवाचार और नवीन तकनीक के बारे में अध्ययन करवाया जाता है। यहां जेनोमिक्स, ब्रेन प्लास्टिसिटी, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, ब्रेन कम्प्यूटर और ब्रेन नेटवर्क, प्रोटीन इंजीनियरिंग, सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर न्यूरोसाइंस, केमिकल न्यूरोबायोलॉजी, न्यूरोइम्यूनोलॉजी, टिश्यू इंजीनियरिंग, नैनोबायोटेक्नोलॉजी जैसे कई विषयों में रिसर्च भी किए जाते हैं।
Fusion Engineering
Fusion Engineering
यह भी पढ़ें –

Good News : आइआइटी जोधपुर की पहल, देश में पहली बार यह संस्थान करा रहा हिन्दी माध्यम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई

क्लासिकल-मॉडर्न के बाद नया विकल्प

इंजीनियरिंग क्षेत्र में इन दिनों बदलाव ट्रेंड में है। क्लासिकल इंजीनियरिंग और मॉडर्न इंजीनियरिंग के बाद अब फ्यूजन-इंजीनियरिंग का दौर है। क्लासिकल इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल कुछ हद तक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग जैसी कोर ब्रांचेज हैं। वहीं मॉडर्न इंजीनियरिंग में डाटा-कंप्युटेशन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा कंप्यूटर-साइंस, मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग,डाटा साइंस एवं इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचेज शामिल हैं।
Fusion Engineering
Fusion Engineering

हेल्थकेयर टेक्नोक्रेट की यहां डिमांड

1- इंजीनियरिंग की मदद से अत्याधुनिक हेल्थ केयर उपकरण तैयार करना। पेसमेकर-कोक्लियर इम्प्लांट जैसे कई उपकरण बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की देन।
2- ऑपरेशन थियेटर संबंधी उन्नत मशीनरी तैयार करना। रोबोटिक सर्जरी में एआई का प्रयोग बढ़ाना।
3- बायोटेक्नोलॉजी में टिश्यू इंजीनियरिंग के जरिए ऊतक पुनर्जनन और कोशिका प्रसार जैसी प्रक्रियाओं में नवीन तकनीक का इस्तेमाल।
4- बायोइंस्ट्रूमेंटेशन, मेडिकल इमेजिंग, न्यूरोइंजीनियरिंग और जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में विशेष अवसर। ड्रग डिजाइन जैसे क्षेत्र में कॅरियर के अवसर।
5- दवाओं के निर्माण और शोध क्षेत्र में नई तकनीक की डिमांड। रिसर्च एसोसिएट-क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर बनने के अवसर।
6- घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण में बायो इंजीनियरिंग का महत्व। इम्युनो इंजीनियरिंग और जीन थैरेपी के लिए नैनो मैटिरियल तैयार करना।

Hindi News / Kota / आइआइटी में न्यू ट्रेंड, आई नई ब्रांचेज, जानें फ्यूजन इंजीनियरिंग क्या है?

ट्रेंडिंग वीडियो